फुसरो. सूबे के पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी ने रिम्स के निदेशक डॉ राजकुमार को बिना स्पष्टीकरण मांगे हुए हटाये जाने के मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की है. फुसरो स्थित गिरिडीह के पूर्व सांसद रवींद्र कुमार पांडेय के आवासीय कार्यालय में शनिवार को प्रेस वार्ता में श्री बाउरी ने कहा कि डॉ राजकुमार एम्स जैसे संस्थानों में रह चुके हैं और नामी-गिरानी डॉक्टर हैं. इन्हें तीन साल के लिए सरकार ने रिम्स में निदेशक के रूप में लाया था. लेकिन 14 माह में ऐसा क्या हुआ कि बिना स्पष्टीकरण मांगे हुए जीबी की बैठक के दो दिन बाद उन्हें हटा दिया गया. इस पर मुख्यमंत्री की सहमति है. विदेश जाने के पहले उन्होंने अनुमोदन दे दिया. इससे पता चलता है कि राज्य सरकार रिम्स को भ्रष्टाचार का केंद्र बना कर चला रही है. कानून व संविधान को नहीं मान रही है. एमआरआइ का आर्डर को कैंसल करने का दबाव बनाया गया. यह सिर्फ ठेकेदारी करने के लिए किया गया. मंत्री कफन योजना लेकर आ रहे हैं.
सरकार पर साधा निशाना
श्री बाउरी ने कहा कि डॉ राजकुमार पर एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है. लेकिन भ्रष्टाचार में साथ नहीं देने पर बिना कारण के उन्हें हटा दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री निदेशक पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा रहे हैं, जबकि वे स्वयं अनुशासनहीन हैं. भाजपा भ्रष्टाचार व अन्याय के खिलाफ भाजपा आवाज उठाती आयी है. कहा कि रिम्स में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी के मामले, एमआरआइ के टेंडर कैंसल मामले, सेंट्रल लैंब के कार्य रुकने के मामले की जांच की जाये. इस सरकार में सारे विभागों में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है. मौके पर गिरिडीह के पूर्व सांसद रवींद्र कुमार पांडेय, भाजपा जिलाध्यक्ष जयदेव राय, किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री अर्जुन सिंह आदि मौजूद थे.
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