बोकारो थर्मल. बोकारो थर्मल सिक्स यूनिट स्थित सीआइएसएफ कैंप गेट पर सीआइएसएफ यूनिट की ओर से ग्रामीणों के संभावित पथराव एवं विरोध-प्रदर्शन से निबटने के लिए शुक्रवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. उद्देश्य ऐसी आपातकालीन परिस्थिति में सीआइएसएफ की प्रतिक्रिया क्षमता, तत्परता एवं समन्वय कौशल का परीक्षण करना था. मॉक ड्रिल की शुरुआत एक काल्पनिक ग्रामीण विरोध प्रदर्शन से हुई. मांगों लेकर विरोध-प्रदर्शन के क्रम में प्रबंधन से वार्ता के लिए ग्रामीणों ने अपने दो प्रतिनिधियों को प्रबंधकीय टीम के पास भेजा, लेकिन वार्ता विफल होने पर ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया और स्थिति तनावपूर्ण के बाद धक्का-मुक्की शुरू हो गयी. इसमें एक ग्रामीण घायल हो गया, जिसे तत्काल एंबुलेंस से डीवीसी अस्पताल भेजा गया. मॉक ड्रिल में सीआइएसएफ सुरक्षा शाखा, फायर विंग, डीवीसी अस्पताल, डीवीसी प्रबंधन, विजिलेंस टीम, स्थानीय पुलिस, मीडिया प्रतिनिधि तथा स्थानीय ग्रामीणों ने भागीदारी निभायी. मॉक ड्रिल के बाद यूनिट कमांडर डीसी अरुण प्रसाद ई ने सभी प्रतिभागी एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की. कहा कि इस प्रकार के मॉक ड्रिल से जवानों को व्यावहारिक स्थितियों में प्रशिक्षण मिलता है और सभी एजेंसियों के बीच तालमेल बेहतर होता है.
चंद्रपुरा.
शुक्रवार की शाम को चंद्रपुरा प्लांट के गेट संख्या पांच में सीआइएसएफ चंद्रपुरा यूनिट के जवानों ने पत्थरबाजी की घटनाओं से निबटने को लेकर मॉक ड्रिल किया. इसमें जवानों ने कम से कम समय में परिस्थिति को नियंत्रित करने और संभावित खतरों को दूर करने की तैयारी दिखायी. मॉक ड्रिल में यूनिट कमांडर मो. बहरुल इस्लाम लश्कर, असिस्टेंट कमांडेंट ऋषिकेश वाखरे, आरक्षित निरीक्षक अर्चना देवी, इंस्पेक्टर (फायर) गौतम राय, कंपनी कमांडर सुधीर कुमार सहित यूनिट के 105 बल सदस्य व स्थानीय पुलिस, डीवीसी कर्मचारी शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है