Bokaro News : सीआरपीएफ 26 वीं बटालियन के चास प्रांगण में रविवार को सैनिक सम्मेलन के साथ 87वां स्थापना दिवस मनाया गया. शहीदों के सम्मान में साइकिल रेस निकाली गयी. सैनिक सम्मेलन में डीआइजी अमित कुमार सिंह (पीएमजी) ने शहीदों के पराक्रम, बलिदान व कर्त्तव्य परायणता के बारे में बताया. सीआरपीएफ की गौरवशाली इतिहास की याद दिलायी. डीआइजी श्री सिंह ने कहा : वर्तमान समय में सीआरपीएफ विश्व का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है. 27 जुलाई 1939 को विद्रोह को दबाने व कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए अंग्रेजों द्वारा एक स्वदेशी पुलिस बल को एक बटालियन के साथ नीमच मध्यप्रदेश में क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस नाम से स्थापित किया गया. देश की स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम 1949 के माध्यम से नामकरण केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के रूप में किया गया. श्री सिंह कहा : 21 अक्तूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सैनिकों की घुसपैठ रोकने की घटना, वर्ष 1965 में गुजरात के कच्छ में सरदार पोस्ट पर तैनात दो कंपनियों ने पाकिस्तानी सेना की एक पूरी ब्रिगेड के हमले को विफल करने की घटना, 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हमले को विफल करना, देश की आंतरिक सुरक्षा में वर्ष 2005 में अयोध्या में हमले को विफल करने में सीआरपीएफ जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया. श्री सिंह ने जवानों के लिए किये जा रहे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया. खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. मौके पर उप कमांडेंट लक्ष्मी नारायण उपाध्याय सहित कई अधिकारी व जवान मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है