राकेश वर्मा, बेरमो : कभी बेरमो की लाइफ लाइन रहे चार-पांच दशक पुराने गोदोनाला का अस्तित्व खोने की स्थिति में आ गयी है. एक समय बड़ी आबादी इस पर पीने का पानी से लेकर घरेलू कार्यों के लिए निर्भर थी. फिलहाल स्थिति यह है कि यह गोदोनाला गर्मी के दस्तक के साथ ही सूख गया है. मौसम के बदले मिजाज के कारण कभी-कभार बारिश होने पर इस गोदोनाला में दूषित पानी बहता है. बरसात में भारी मात्रा में मलबा और कीचड़ पानी के साथ बहता है. कई जगह जलकुंभी भर गया है. पानी का रंग इतना काला रहता है कि मवेशी धोने लायक भी नहीं है. लेकिन इसी दूषित पानी का उपयोग अभी भी आसपास रहने वाले कई दिहाड़ी मजदूर नहाने-धाने से लेकर अपने दैनिक कार्यों के लिए करने को विवश हैं. ऊपरघाट का वंशी है इसका उद्गम स्थल बेरमो प्रखंड अंतर्गत बेरमो, कुरपनिया व जरीडीह पंचायत क्षेत्र से होकर गुजरने वाले गोदोनाला का उद्गम स्थल नावाडीह प्रखंड अंतर्गत ऊपरघाट का वंशी है. यह घने जंगलों व चट्टानों से होकर हरलाडीह, पिपराडीह, जुडामना, पिलपिलो होते हुए बेरमो प्रखंड के खासमहल इलाके में प्रवेश कर जाता है. जुडामना में दो मुहाना एक छोटी नदी भी इसी गोदोनाला में आकर मिल जाती है. खासमहल में एक बड़ा चेकडैम भी है. खासमहल के बाद गोदोनाला कुरपनिया, गांधीनगर, संडे बाजार, चार नंबर होते हुए जरीडीह बाजार से होकर गुजरने वाली दामोदर नदी में मिल जाती है. ऊपरघाट के जिस इलाके से होकर गोदोनाला गुजरता है, वहां के ग्रामीण सालों भर इसके पानी का उपयोग नहाने, धोने, बर्तन मांजने से लेकर दैनिक कार्यों के लिए करते हैं. लेकिन जैसे ही खासमहल से बेरमो के इलाके में यह गोदोनाला प्रवेश करता है, इस पानी दूषित हो जाता है.
लाखों की लागत से बना चेकडैम जर्जर
संडे बाजार के निकट कुछ साल पहले पूर्व मंत्री स्व राजेंद्र प्रसाद सिंह की पहल पर गोदोनाला में लाखों रुपये की लागत से एक चेकडैम का निर्माण कराया गया था. लेकिन कभी भी इस चेकडैम में स्वच्छ जल का संचय नहीं हो सका. फिलहाल पूरा चेकडैम जहां-तहां से टूट गया है तथा पूरे चेकडैम में जलकुंभी के अलावा मलबा जमा है. चार नंबर इलाके में कई दुकानदार इस चेकडैम के पानी का उपयोग मोटर के जरिये खींच कर वाहनों को धोने के लिए करते है.
क्या कहते हैं चार नंबर इलाके के लोग
चार नंबर इलाके में रह रहे कई असंगठित व दिहाड़ी मजदूरों ने कहा कि गोदोनाला के सूख जाने से काफी परेशानी होती है. घर में पेयजल की कोई सुविधा नहीं है. गोदोनाला का पानी भी गंदा व दूषित हो गया है, लेकिन विवशता में इसका उपयोग नहाने-धोने सहित अन्य दैनिक कार्यों के लिए करते हैं.
क्या कहते हैं मजदूर नेता
एटक नेता सुजीत कुमार घोष, जमंस नेता टिनू सिंह और सीटू नेता विजय कुमार भोई ने कहा कि बोकारो कोलियरी में बंद खदानो में लाखों गैलन पानी जमा है. इसे फिल्टर कर सभी के घरों तक पानी पहुंचाया जा सकता है. कम से कम रॉ वाटर की आपूर्ति तो की जा सकती है, लेकिन सीसीएल प्रबंधन ने कभी भी इस पर गंभीरता नहीं दिखायी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है