पत्र में यूनियन नेताओं ने लिखा है कि विगत् दो वर्ष से भरत जी पटेल कंपनी में गार्ड के रुप में के घांसी, दहलू तुरी, रघुनाथ तुरी, शंकर प्रसाद, सोनू यादव, प्रदीप राम, राजेंद्र रविदास आदि कार्य कर रहे थे. कंपनी ने 31 जुलाई से सभी को हटाकर कोलकाता से गार्ड मंगाने का निर्णय लिया है. 10 अगस्त से कंपनी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के साथ पूरी तरह से काम बंद करवायेंगे. गार्डों ने कहा कि 12-12 घंटे काम करवाने के बालजूद उन्हें न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलती. कंपनी मात्र साढ़े छह हजार रुपये नकद ही देती है. दो वर्ष में उनका ईपीएफ भी नहीं कटा है. बताते चलें कि इस मामले में जानकारी लेने के लिए जब कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर दीन दयाल जांगीड़ से संपर्क करने की कोशिश की गयी, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.
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