Bokaro News : चास नगर निगम पिछले एक दशक से कचरा निस्तारण प्लांट स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रहा है, लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है. इस स्थिति में निगम के सफाई कर्मी कचरा जहां-तहां डंप कर देते हैं, जिस कारण पूरे चास में कचरा फैला हुआ है. वर्तमान समय में आइटीआइ मोड़ फोरलेन के बगल में कचरा डंप किया जा रहा है. वहां कचरे का अंबार लग गया है और दुर्गंध से लोग परेशान हैं. रविवार को चास आइटीआइ मोड़ पर प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में लोगों ने समस्या सुनायी और आइटीआइ मोड़ फोरलेन के बगल में कचरा डंपिंग का विरोध किया. सामाजिक कार्यकर्ता समरेश चौधरी, भाजपा नेता राजेश चौबे, अजय त्रिपाठी, सुनील प्रसाद, कांग्रेस नेता विभूति पांडे, बैद्यनाथ वर्णवाल, कांग्रेस महथा सहित अन्य ने कहा कि सड़क किनारे कचरा डंपिंग करना निगम प्रशासन जल्द से जल्द बंद करे. इसे उठ रही दुर्गंध से राहगीरों और आमजनों को बहुत परेशानी हो रही है. डंपिंग बंद नहीं कराया गया तो हमलोग निगम कार्यालय के बाहर धरना देंगे. जबकि संवाद में दुकानदार संतोष वर्णवाल, राजू वर्णवाल, अर्जुन महतो, नरेश महतो आदि ने कहा कि दुर्गंध के कारण आइटीआइ मोड़ का बाजार प्रभावित हो रहा है. ग्राहक दुकान पर नहीं आ रहे हैं. कभी कभी दुर्गंध इतनी बढ़ जाती है कि लोगों का रहना मुश्किल हो जाता है.
कचरा खाकर बीमार हो रहे हैं जानवर :
संवाद के दौरान आफताब अंसारी, सरफराज अंसारी, सजीता बरनवाल, काली महतो, सूरज तिवारी, सोनू सिंह चौधरी आदि ने कहा कि आइटीआइ स्थित कचरा डंपिंग स्थल में दिन-रात जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है. गाय सहित अन्य जानवर प्लास्टिक युक्त कचरा खाकर बीमार हो रहे हैं. सड़क किनारे कचरा डंप होने से कई जानवर बीच सड़क पर बैठे रहते हैं, जिनसे टकरा कर लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. गाड़ी से टकरा कर लगातार जानवर जख्मी होते हैं. यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.ग्रामीणों के विरोध के कारण शुरू नहीं हो पा रहा कचरा निस्तारण प्लांट का निर्माण :
2014 में जब चास नगर परिषद था तब कालापत्थर मौजा में कचरा निस्तारण प्लांट के लिए जमीन चिह्नित की गयी थी. 2015 में प्लांट के लिए चहारदीवारी कार्य का शिलान्यास हुआ, लेकिन लगातार ग्रामीणों के विरोध के कारण कार्य शुरू नहीं हुआ. चास क्षेत्र नगर परिषद से नगर निगम हो गया, लेकिन कचरा निस्तारण प्लांट लगाने में निगम प्रशासन अभी तक विफल रही है. कालापत्थर में निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त पहल में कई बार लोगों को समझाने का प्रयास हुआ, लेकिन ग्रामीणों के आंदोलन के आगे निगम को पीछे हटना पड़ा और उक्त स्थल पर शहरी गरीब को बसाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण किया जा रहा है. दो-तीन वर्ष पहले चास प्रखंड के अलकुशा गांव के पास में प्लांट निर्माण करने के उद्देश्य से निगम ने जमीन खरीदी, लेकिन अलकुशा में भी ग्रामीणों के विरोध के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है. कचरा निस्तारण प्लांट का निर्माण नहीं होने से स्वच्छता सर्वेक्षण में चास नगर निगम लगातार पिछड़ते जा रहा है. चास बोकारो के कई सामाजिक कार्यकर्ता और आमजनों का कहना है कि निगम प्रशासन को बीएसएल के साथ मिलकर प्लांट निर्माण का पहल करनी चाहिए, तभी यह प्लांट बन पायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है