राकेश वर्मा, बेरमो, बेरमो चार नंबर रथ मंदिर से रथयात्रा निकाले जाने की शुरुआत हुई थी. कोरोना संक्रमण के कारण दो साल को छोड़ कर प्रत्येक वर्ष रथ यात्रा निकाली जाती रही है. कोरोना संक्रमण काल के बाद यहां से संडे बाजार स्थित मौसीबाड़ी तक रथयात्रा नहीं निकालने का निर्णय मंदिर कमेटी ने लिया. इसके बाद चार नंबर के ही लाल मैदान से सटे उत्कल समाज के लोगों ने अलग से बैठक कर तीन वर्ष पूर्व इसी स्थान से रथयात्रा निकालने का निर्णय लिया था. इस बार तीसरी बार यहां से रथ यात्रा निकलेगी.
मालूम हो कि सीसीएल बीएंडके एरिया की 100 साल से ज्यादा पुरानी बोकारो कोलियरी के आसपास में पहले हजारों की संख्या में छत्तीसगढ़िया, उत्कल समाज (उडिया) के अलावा चक्रधारी समाज के लोग रहते थे. उत्कल समाज के कई लोग वर्ष 1939 के आसपास में ओडिशा से टाटा होते हुए यहां आकर बसे. इनमें बृज मोहन दास, बरजो सेनापति, ओके टांडी, नारायण बारिक, घुतुम तांती, जगदीश तांती, वनमाली भोई, दुर्गा दास, महावीर गोप, पीतरो सेनापति, त्रिवृक्ष नाग, सुरलीधर कलपाली, विशेश्वर जाल, ढिबरु लाल शर्मा, सिरबच तांती. रामचंद्र तांती, रामजी तातंती, जगदीश तांती, मुन्नु तांती आदि थे. इन लोगों ने ही चार नंबर रथ मंदिर में पूजा शुरू करायी थी. 40 के दशक में ओडिशा के बंलागीर, तालपाली, बरपाली, बडग़ड, संबलपुर आदि क्षेत्रों से लोग आकर चार नंबर इलाके में बसे. बृज मोहन दास अपने साथ ओडिशा के पुरी से भगवान जगन्नाथ की मूर्ति लेकर आये थे तथा चार नंबर स्थित अपने आवास में इसकी विधिवत पूजा शुरू की थी. बाद में पुरी से ही भगवान बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमा लायी गयी. मंदिर कमेटी से जुडे़ लोग बताते है कि हमारी संस्कृति, भाषा व सामाजिक समरसता का तानाबाना इस मंदिर से शुरू से जुड़ा रहा है. इस मंदिर की स्थापना से पहले उत्कल समाज के लोग हर साल अपने पैतृक गांव जाकर पूजा करते थे. पहले धूमधाम से तीन किमी दूर संडे बाजार दुर्गा मंदिर स्थित मौसीबाडी तक रथ यात्रा निकाली जाती थी. रथयात्रा में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती थी. तीन किमी की रथ यात्रा में 10 घंटे से भी अधिक का समय लग जाता था. रथ यात्रा में उड़िया समाज की कीर्तन मंडली रहती थी. इसके संचालक ढिबरु लाल शर्मा के अलावा अमिलो तांती, भवानी शंकर तांती,साधु तांती, रंजीत भोई आदि रहते थे. तीन नंबर, गांधीनगर, जारंगडीह, कथारा आदि क्षेत्रों से भी कीर्तन मंडलियां पहुंचती थी. मंदिर से सटे चार नंबर लोधरबेडा के मोहन महतो, हीरालाल महतो, बिसाही महतो आदि का इस मंदिर में काफी सहयोग रहा. इस मंदिर के प्रथम पुजारी केशोनाथ दुबे थे. इसके बाद उनके पुत्र भानु पंडित यहां हर साल पूजा कराते थे. यजमान की भूमिका चर्तुभुज राय, गोकूल तांती, कुंवर तांती, भंवर तांती, नारायण बारिक, रामेश्वर जाल आदि निभाते थे.सीसीएल के वेलफेयर मद से बना नया रथ
रथ मंदिर कमेटी वर्षों से नया रथ बनाने के लिए प्रयासरत थी. तीन वर्ष पूर्व सीसीएल बीएंडके एरिया के सेवानिवृत महाप्रबंधक एम कोटेश्वर राव की पहल पर सीसीएल वेलफेयर मद से दो लाख रुपये की लागत से नया रथ बना कर गत वर्ष कमेटी को सुपुर्द किया गया था.दस दिनों तक क्षेत्र में बंद रहता है मांसाहार
रथ यात्रा के समय चार नंबर इलाके में सभी लोग दस दिनों तक मांस, मछली व शराब का सेवन नहीं करते है. उत्कल समाज के लोग पूजा के दौरान सात्विक भोजन में मूंग की दाल और अरवा चावल खाते हैं. रथ पूजा के दिन उत्कल समाज से जुडे़ हर घर में अडसन पीठा तथा चावल व गुड़ का खीर जरूर बनता है. रथ द्वितिया के दिन पूजा के बाद रथ मंदिर में जब तक भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का भोग नहीं लग जाता है, तब तक लोग उपवास रखते हैं.आयोजन को लेकर तैयारी में लगी है मंदिर कमेटी
इस बार रथ यात्रा 27 जून को है. चार नंबर रथ मंदिर में इसके एक दिन पहले नेत्र उत्सव का आयोजन किया जायेगा. 27 को भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होंगे. इस दिन रथ को चार कदम खींचकर मंदिर परिसर में ही खड़ा किया जायेगा. यहां मेला भी लगेगा. 28 जून को रथ यात्रा निकाली जायेगी, जो जरीडीह बाजार के गायत्री ज्ञान मंदिर स्थित मौसीबाड़ी जायेगी. यहां भगवान आठ दिनों तक विश्राम करेंगे. आयोजन को लेकर मंदिर कमेटी के करुणाकर तांती, अध्यक्ष भगत बारिक, उपाध्यक्ष जगदीश महानंद, सचिव परमानंद तांती, कोषाध्यक्ष बलिराम तांती, उप कोषाध्यक्ष चमन तांती, प्रताप तांती, महेंद्र तांती, बादल तांती, दीपक तांती, दीपक कोहली, राजू बागरा, जगत तांती, अरतुत तांती, सत्येंद्र , मधु तांती, मनीष गोप, महावीर तांती, निमित बागरा, शरद तांती, कैलाश तांती, नरेश तांती, गुप्ता गिरि, तेलुगु तांती, राजेंद्र तांती प्रशांत तांती महेंद्र तांती आदि लगे हुए हैं.तीसरी बार लाल ग्राउंड से निकलेगी रथ यात्रा
चार नंबर लाल ग्राउंड के समीप उत्कल समाज पूजा समिति द्वारा तीसरी बार रथ यात्रा मेला एवं पूजन महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. यहां भी 26 जून को प्रातः हनुमान गरुड़ पूजा सहित कई अनुष्ठान के बाद रथ का पूजा होगी. 27 जून को हवन, भोग, आरती के बाद भगवान जगन्नाथ महाप्रभु भाई बलराम व बहन सुभद्रा के साथ रथ पर विराजमान होंगे और 28 जून को रथयात्रा संडे बाजार मौसी बाड़ी के लिए प्रस्थान करेगी. यहां पूजा को सफल बनाने में अध्यक्ष वरुण तांती, हेमंत ताती, दीप्ति राय, कुलेश्वर तांती, वासुदेव सेनापति, मनोज सेनापति, मुकेश सेनापति, तीजा सेनापति सहित कई लोग लगे हुए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है