महुआटांड़, शिबू सोरेन के निधन की खबर मिलते ही ललपनिया में शोक की लहर दौड़ गयी. शोक में सभी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की दुकानें बंद हो गयीं. झामुमो के पदाधिकारी, कार्यकर्ता व समर्थक कोचाकुल्ही सरना स्थल परिसर में जमा हुए और दो मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. वक्ताओं ने कहा कि आज राज्य अभिभावक विहीन हो गया. गुरुजी झारखंड की आन, बान और शान थे. इस क्षेत्र से उनका लगाव रहा है. मौके पर झामुमो प्रखंड अध्यक्ष लुदू मांझी व अन्य लोग उपस्थित थे.
झामुमो उलगुलान के नेताओं ने जताया शोक
झामुमो उलगुलान के केंद्रीय अध्यक्ष कृष्णा ने कहा कि झारखंड ने अभिभावक को खो दिया है. अलग राज्य का सपना पूरा हुआ. इसके लिए झारखंड के इतिहास में शिबू सोरेन का नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा. केंद्रीय महासचिव बेनीलाल महतो ने कहा कि वह झारखंड के इतिहास में अमर हो गये हैं. गुरुजी लड़ाकू नेता थे, नतीजा है कि झारखंड आज अलग राज्य बना, उन्हें झारखंड नहीं भूलेगा. झारखंड आंदोलनकारी कृष्णा थापा, केंद्रीय उपाध्यक्ष खेतन महतो, केंद्रीय सचिव राजेश यादव, नरेश महतो, शंभूनाथ महतो, रोहन कमार, किरण देवी, सहोदरी देवी, अलिया देवी, छोटेलाल गुप्ता, जयकुमार टुडू, जगदीश महतो, लक्ष्मण हांसदा, प्रयाग महतो, बैजनाथ महतो, लालमणि महतो, मणिलाल पाल, वीरेंद्र चौहान, राजेश कमार, मुनिलाल महतो आदि ने भी शोक व्यक्त किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है