24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Teachers Day 2024: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज डॉ आशा रानी को ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024’ से करेंगी सम्मानित

Teachers Day 2024: बोकारो के चंदनकियारी की डॉ आशा रानी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से आज सम्मानित होंगी. नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश के 50 शिक्षकों को पुरस्कार प्रदान करेंगी. डॉ आशा रानी प्लस टू हाईस्कूल में संस्कृत पढ़ाती हैं.

Teachers Day 2024: बोकारो-चंदनकियारी के प्लस टू हाईस्कूल में संस्कृत की शिक्षिका डॉ आशा रानी गुरुवार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 से सम्मानित होंगी. वह सम्मान पानेवाली झारखंड से एकमात्र टीचर हैं. शिक्षक दिवस के मौके पर नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें सम्मान प्रदान करेंगी.

देशभर के कितने शिक्षक हो रहे सम्मानित?

शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने देशभर से 50 शिक्षकों का चयन इस पुरस्कार के लिए किया है. इन शिक्षकों को उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और शिक्षा के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया जायेगा. डॉ आशा रानी रांची से फ्लाइट पकड़कर दिल्ली पहुंच गयी हैं. राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों में 34 पुरुष, 16 महिलाएं, 2 दिव्यांग और एक सीडब्ल्यूएन के साथ काम करनेवाले शिक्षक शामिल हैं. ये शिक्षक 28 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों और छह संगठनों से हैं.

कैसे हुआ शिक्षकों का चयन?

शिक्षकों का चयन पारदर्शी और ऑनलाइन तीन-चरणीय चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है. इस प्रक्रिया में शिक्षकों के काम, उनके योगदान और छात्रों पर उनके प्रभाव का मूल्यांकन किया जाता है. पुरस्कार के तहत डॉ आशा रानी को सर्टिफिकेट, सिल्वर मेडल और 50 हजार नकद राशि दी जाएगी. उनके दिल्ली जाने, लौटने और ठहरने की सारी व्यवस्था विभागीय स्तर पर की गयी है. डॉ आशा रानी को इससे पूर्व भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सम्मान मिल चुका है.

क्या बोलीं डॉ आशा रानी?

दिल्ली रवाना होने से पूर्व प्रभात खबर से खास बातचीत में डॉ आशा रानी ने कहा कि संस्कृत उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा है. यह सम्मान उनके लिए बेहद गर्व और खुशी की बात है. वह हमेशा से चाहती थीं कि इस भाषा को हर छात्र जाने और इसमें दक्ष बने. आजकल के ग्रामीण विद्यार्थी संस्कृत विषय में कम रुचि ले रहे हैं. ऐसे में उन्होंने इन चुनौतियों को अपनाकर स्थानीय भाषाओं में संस्कृत के मिलते-जुलते शब्दों के जरिए बच्चों को संस्कृत पढ़ाना शुरू किया. इसके बाद गीत, नाटक, खेल, श्लोक के माध्यम से बच्चों में संस्कृत के प्रति रुचि जागृत की.

डॉ आशा रानी का क्या है लक्ष्य?

डॉ आशा ने कोरोनाकाल में यूट्यूब चैनल विद्या ददाति विनयं के माध्यम से बच्चों के लिए संस्कृत में ऑनलाइन कंटेंट बनाया, ताकि छात्र घर पर सुरक्षित पढ़ाई कर सकें. डॉ आशा रानी ने इस उपलब्धि का श्रेय अपने परिवार, विद्यालय के सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों को दिया है. कहा कि उनका लक्ष्य अधिक से अधिक ग्रामीण विद्यार्थियों को संस्कृत से जोड़ना है, ताकि उनके डर को मिटाकर सरलतापूर्वक उन्हें पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित किया जा सके.

डॉ आशा रानी की प्रोफाइल

नाम : डॉ आशा रानी
शिक्षा : पीजीटी संस्कृत, एमए, बीएड, पीएचडी
पता : चंदनकियारी, डीपीएस चास के निकट (मूल आवास: बंगाल के आसनसोल में मायका और बिहार के गया में ससुराल)
पति : सुनील कुमार गुप्ता, फुसरो बीकेबी कंपनी के पूर्व कर्मी
पुत्र : अंकित प्रियदर्शी (टेक महिंद्रा में टेक्निकल आर्किटेक्ट) और संकेत प्रियदर्शी (सर्विस नाउ में वरिष्ठ सॉफ्टवेयर इंजीनियर)

Also Read: Teachers’ Day 2024: भारत में 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस? जानिए इसका इतिहास और महत्व

Also Read: Teachers Day Special: शिक्षा के सच्चे साधक के रूप में जाने जाते थे शिक्षक अरुण कुमार मुखर्जी

Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel