नागेश्वर, ललपनिया, गोमिया प्रखंड अंतर्गत पचमो पंचायत के बलथरवा गांव के समीप सुअर कटवा नदी पर पुल का निर्माण सात साल बाद भी अधूरा है. इसके कारण बरसात में अमन, सिमराबेड़ा व बलथरवा गांव अन्य क्षेत्रों से कट जाता है. इन गांवों की चार-पांच सौ की आबादी कई सप्ताह के लिए कैद हो जाती है. फिलहाल लगातार बारिश के कारण नदी में पानी काफी बढ़ गया है और लोग परेशान हैं. शनिवार को नदी किनारे मिले कई शिक्षक ने कहा कि नदी के उस पार में स्कूल है. हमलोग अपनी मोटरसाइकिलों को नदी के इस पार में रख कर नदी पार करते हैं और दो-तीन किमी की दूरी पैदल तय कर स्कूल जाना पड़ रहा है.
जानकारी के अनुसार दो से ढाई करोड़ रुपये लागत वाले उक्त पुल का निर्माण कार्य पीएमजीएसवाइ विभाग से वर्ष 2018 में शुरू किया गया था. पुल का निर्माण एक-दो साल किये जाने की बात थी. लेकिन अभी तक अधूरा है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पुल अधूरा रहने के कारण रामगढ़, घाटो और रांची जाने के लिए 50-60 किमी की जगह डेढ़ सौ किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. एक सप्ताह पूर्व डीपीआरओ शफीक आलम और गोमिया बीडीओ महादेव कुमार महतो नदी में तेज बहाव के कारण सिमराबेड़ा गांव आवासों की जांच करने नहीं जा सके थे. डीपीआरओ ने उपायुक्त को जानकारी देकर अधूरे पुल का निर्माण पूरा कराने की बात कही थी.साल के अंत तक पूरा हो जायेगा काम : सहायक अभियंता
पीएमजीएसवाइ बोकारो के सहायक अभियंता निहार रंजन ने कहा कि अधूरे पुल की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी गयी है. इस साल के अंत तक संवेदक द्वारा अधूरे कार्यों का पूरा कराया जायेगा. एक स्पेन की ढलाई बाकी है. इसके बाद एप्रोच पथ का निर्माण कराया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है