पीआरओएमवाईएस इंडिया कार्यक्रम गणित में गहन अनुसंधानात्मक सोच रखने वाले मेधावी छात्रें को पहचान कर उन्हें अत्याधुनिक स्तर पर प्रशिक्षित करता है. कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रें में गणितीय अनुसंधान, आत्मनिर्भरता, और तार्किक कौशल को प्रारंभिक अवस्था में ही विकसित करना है. इस क्षेत्र में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों को ऑल इंडिया से केवल 40 विद्यार्थियों का ही चयन किया जाता है.
शोध का यह कार्यक्रम 11 मई से 21 जून तक चलेगा
प्रोग्राम इन मेथमेटिक्स फॉर यंग साईंटिस्ट (पीआरओएमवाईएस) मूल रूप से अमेरिका के बोस्टन विश्वविद्यालय में 1989 से संचालित एक प्रतिष्ठित ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम है. इसका भारतीय संस्करण पीआरओएमवाईएस भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु में है. बताया गया कि वर्ष 2025 के संस्करण के लिये शोध का यह कार्यक्रम 11 मई से 21 जून तक चलेगा.
वर्षा की उपलब्धि पर उसके माता–पिता, शिक्षक व सहपाठी गौरवान्वित
इधर वर्षा की इस उपलब्धि पर उनके माता–पिता शिक्षक और विद्यालय के सभी छात्र गौरवान्वित हैं. वर्षा के पिता दिवाकर दास ने बताया कि बेटी प्रारंभ से ही विश्लेषणात्मक सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाली रही हैं. बता दें कि वर्षा ने क्लास वन से टेन तक की पढ़ाई डिनोबिली स्कूल चंद्रपुरा से की है वर्तमान में वह डीपीएस बोकारो से बारहवीं विज्ञान की पढ़ाई कर रही है.
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