ललपनिया, गोमिया प्रखंड की चुट्टे पंचायत के जमुआ बेड़ा गांव निवासी करमा बास्के (35 वर्ष) का दो दिन पूर्व गुजरात में नदी में स्नान करने के क्रम में डूब जाने से निधन हो गया था. वह वहां एक कंपनी में कार्य करता था. शव लेकर शुक्रवार को पूर्वाह्न 10 बजे एंबुलेंस जमुआ बेड़ा गांव पहुंची, तो घर तक जाने का रास्ता नहीं था. जेसीबी से मिट्टी काटने के बाद ग्रामीणों ने श्रमदान कर सड़क बनायी, तो एंबुलेंस मृतक के घर तक पहुंची. शव देखते ही परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. मृतक के परिवार में पत्नी व छोटे-छोटे पुत्र व पुत्री हैं. करमा बास्के तीन भाइयों में मंझला था. उसके माता-पिता का निधन पूर्व में ही हो चुका है. शव आने की सूचना पर पंचायत के मुखिया मोहम्मद रियाज, पंचायत समिति सदस्य अजय रविदास एवं बाबू चंदू आदि ग्रामीण पहुंचे और शोकाकुल परिवार से मिलकर उन्हें ढाढ़स बंधाया. मुखिया श्री रियाज ने बताया कि शव लेकर आये एंबुलेंस के चालक ने बताया कि कंपनी ने मृतक के शव के अंतिम संस्कार के लिए 50,000 रुपये दिये हैं. कंपनी के अधिकारियों ने बताया है कि मृतक को श्रम विभाग से कराये गये इंश्योरेंस का लाभ भी मिलेगा. वहीं झारखंड सरकार से मिलने वाला लाभ भी मृतक के परिवार के सदस्यों को मिलेगा. मालूम हो कि चार दिन पूर्व भी कर्नाटक में क्षेत्र कै एक प्रवासी मजदूर की मौत हो गयी थी. आये दिन इस तरह की घटना होने से क्षेत्र के लोग काफी मायूस हैं. लोगों का कहना है कि क्षेत्र में अगर रोजगार मिलता तो लोगों को परिवार के भरण पोषण के लिए दूसरे प्रदेशों में जाकर मजदूरी नहीं करनी पड़ती और इस प्रकार की घटना नहीं घटती.
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