चक्रधरपुर. घूरती रथयात्रा पर चक्रधरपुर के पोटका में पारंपरिक छऊ नृत्य उत्सव का आयोजन हुआ. इसमें भालूपानी, हथिया व अन्य गांवों के कलाकारों ने पौराणिक व आध्यात्मिक कथाओं पर आधारित छऊ नृत्य प्रदर्शित किया. कलाकारों ने रामायण व महाभारत जैसी धार्मिक व पवित्र ग्रथों के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए भगवान की विभिन्न लीलाओं को छऊ नृत्य के माध्यम से प्रदर्शित किया. इस परंपरा से आधुनिक युग में भी सैकड़ों दर्शक छऊ नृत्य के जरिए आध्यात्मिकता से जुड़े रहे. इस नृत्य से बुराई पर अच्छाई की विजय, कारुणा, शांति व धर्म की रक्षा का संदेश दिया. परंपरा से जुड़े इस महोत्सव में दूर-दराज के कई गांवों के सैकड़ों लोग शामिल हुए. मंगलवार को छऊ उत्सव के समापन समारोह में सिंहभूम सांसद जोबा माझी ने छऊ नृत्य का आनंद उठाया. श्रीमती माझी ने कहा कि छऊ नृत्य का आयोजन राजा-महाराजा के दौर से होते आ रहा है. गांवों में कई प्रतिभाशाली कलाकार हैं. ऐसे आयोजन से गांवों में कलाकारों की छिपी प्रतिभा निखाने का अवसर प्राप्त होता है. उन्होंने कहा कि जमीन उपलब्ध कराने पर पोटका हो साई में शेड सहित चबूतरे का निर्माण कराया जायेगा. ताकि छऊ नृत्य कलाकारों व दर्शकों को सहूलियत होगी. इस अवसर पर पूर्व वार्ड पार्षद कालिया जामुदा, गोपीनाथ चाकी, लखन जामुदा मौजूद थे.
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