चाईबासा.
सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन सभागार में आयोजित दो दिवसीय कुष्ठ रोग निवारण प्रशिक्षण का शनिवार को समापन हुआ. डेमियन फाउंडेशन इंडिया ट्रस्ट के सहयोग से 25 व 26 जुलाई को प्रशिक्षण आयोजित किया गया था. इसमें जिले के नोडल कुष्ठ चिकित्सा पदाधिकारी और स्वास्थ्य कर्मियो ने भाग लिया. डेमियन फाउंडेशन के कार्यक्रम पदाधिकारी सोमशेखर रेड्डी और राज्य समन्वयक डॉ गौतम कुमार ने कुष्ठ रोग के लक्षण, प्रकार, उपचार और दिव्यांगता की रोकथाम के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी. सिविल सर्जन डॉ सुशांत कुमार माझी ने कहा कि कुष्ठ को जड़ से मिटाने के लिए नोडल कुष्ठ चिकित्सा पदाधिकारी के अलावा सभी स्वास्थ्य कर्मियो की निष्ठापूर्वक भागीदारी जरूरी है.57 कुष्ठ रोगियों की हुई पहचान, दी जा रही मुफ्त दवा :
इस वर्ष 57 नये कुष्ठ के मरीज की पहचान की गयी है जिन्हें मुक्त दवा दी जा रही है तथा पोषण सहायता योजना के तहत इन्हें हर महीने 500 मिलते हैं. पीबी मरीजों को 3000 और एमबी मरीजों को 6000 की राशि उनके बैंक खातों में भेजी जाती है, जिससे कुष्ठ रोगी को उपचार के अलावा पोषण में भी मदद मिलती है.इस कार्यक्रम में जिले के नोडल कुष्ठ चिकित्सा पदाधिकारी एवं सभी स्वास्थ्य कर्मी के अलावा कुष्ठ विभाग के कर्मचारीगण उपस्थित थे.
समय पर सही इलाज से रोकी जा सकती है दिव्यांगता : डॉ भारती मिंज
जिला कुष्ठ निवारण प्राधिकारी डॉ भारती मिंज में बताया कि कुष्ठ का इलाज सभव है. समय पर सही इलाज शुरू करने से दिव्यांगता रोकी जा सकती है. कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में कुष्ठ रोग की एमडीटी दवा मुफ्त में मरीजों को दी जाती है.
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