तांतनगर. आदिवासी समुदाय की ओर से बेंगलुरु में गठित सामाजिक संस्था ‘हिसिर बा’ के सौजन्य से नॉलेज, नेटवर्किंग व नॉट के संयुक्त तत्वावधान में बेंगलुरु में दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई. कार्यक्रम बेंगलुरु में नौकरी पेशा से जुड़े आदिवासी समुदाय के द्वारा आयोजित किया गया. इसमें विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर आदिवासी स्टूडेंट को कैरियर, तकनीकी शिक्षा व सामाजिक जागरूकता फैलाने पर जोर दिया गया. इसमें विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों ने अनुभव साझा किया. डॉ रश्मि हेम्ब्रम ने शिक्षा के साथ शारीरिक व मानसिक विकास का महत्व बताया. मनीषा सोय (बैंक प्रबंधक) ने बैंकिंग संबंधी जानकारी दी. उन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर आर्थिक रूप आत्मनिर्भर कैसे बन सकते हैं, उसकी विस्तृत जानकारी दी. कमलेश मुंडा (कंपनी अधिकारी) ने आदिवासी छात्रों के लिए उच्च शिक्षा में मिलने वाली छात्रवृत्ति योजनाओं की जानकारी साझा की. जयसिंह कुंटिया (पूर्व एजीएम) ने सामाजिक कार्यों के साथ-साथ शिक्षा व कल्याण की दिशा में संगठित रहने की जरूरत पर जोर दिया. हरसिंह लामाये (सीजी जर्नलिस्ट) ने एनीमेशन और फिल्म के क्षेत्र में कॅरियर की संभावनाओं की जानकारी दी. अनिल हाइबुरू (सॉफ्टवेयर इंजीनियर) ने युवाओं को तकनीकी कौशल प्राप्त करने, नौकरी के अवसर खोजने और टेक्नोलॉजी में अपडेट रहने के सुझाव दिए. हिसिर बा के अध्यक्ष महती बाडरा ने कहा कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को जानकारी, साधन और मेंटरशिप प्रदान करना था. कहा शिक्षा से न सिर्फ करियर बनता है बल्कि समुदाय के रूप में पहचान, गरिमा और विरासत का निर्माण होता है.
कार्यक्रम में मौजूद थे :
हिसिर बा के अध्यक्ष महती बाडरा, उपाध्यक्ष निर्दोष कुमार तियू, महासचिव सुरेश चंद्र तियू, संयुक्त सचिव रवींद्र कुमार पुरती, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार कालुंडिया, सलुका बंडिया, टिलू जारिका, दुम्बी दिग्गी, प्रियंका पुरती मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है