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Chaibasa News : तुलसीदास ने लोगों को अध्यात्म मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी : महतो

नोवामुंडी कॉलेज के हिन्दी विभाग में गोस्वामी तुलसीदास और मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनायी गयी.

नोवामुंडी.

नोवामुंडी कॉलेज के हिन्दी विभाग में गोस्वामी तुलसीदास और मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनायी गयी. अध्यक्षता कर रहे परमानंद महतो ने कहा कि जहां तुलसीदास ने भक्ति व अध्यात्म से मानव जीवन को आदर्श मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी. वहीं प्रेमचंद ने अपने यथार्थवादी साहित्य के माध्यम से समाज को आइना दिखाया. उन्होंने कहा कि तुलसीदास की रामचरित मानस भारतीय आस्था की अमूल्य धरोहर है. वहीं प्रेमचंद ने अपने उपन्यासों व कहानियों में समाज के वंचित, पीड़ितों व शोषित वर्ग के दर्द को कुरेदा है. प्रो धनीराम महतो ने प्रेमचंद व तुलसीदास की जीवनी पर विस्तार से जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि प्रेमचंद ने भारतीय ग्रामीण जीवन के अभाव, संघर्ष और करुणा को अत्यंत मार्मिकता से चित्रित किया है. पूस की रात का नायक हल्कू ठंड से ठिठुरता हुआ अपनी खेत की रखवाली करता है, पर उसके पास गर्म कपड़े तक नहीं हैं. यह कहानी केवल एक किसान की पीड़ा नहीं, बल्कि उस व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह है, जहां किसान जीवन भर मेहनत करता है. बदले में उसे केवल दुःख व अभाव ही मिलते हैं. मौके पर सहायक प्राध्यापक साबिद हुसैन, डॉ मुकेश सिंह, दिवाकर गोप, राजकरण यादव, कुलजिंदर सिंह, संतोष पाठक, नरेश पान, तन्मय मंडल, डॉ क्रांति प्रकाश, शांति पूर्ति, सुमन चातोम्बा, हीरा चातोम्बा, सीमा गोप, मंजूलता सिंकु, प्रतिभा सोमकुंवर, टीकाराम जी, दयानिधि प्रधान, जगन्नाथ प्रधान, रामबहादुर चौधरी, अनिमेष बिरुली, गुरुचरण बालमुचू आदि उपस्थित थे.

जीवन जीने की कला सिखाती हैं प्रेमचंद की रचनाएं

चाईबासा.

सूरजमल जैन डीएवी पब्लिक स्कूल में महान संत कवि गोस्वामी तुलसीदास व मुंशी प्रेमचंद की जयंती गुरुवार को हर्षोल्लास से मनायी गयी. वरिष्ठ शिक्षक चंद्रशेखर ने प्रेमचंद के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेमचंद की रचनाएं हमें जीने की कला सिखाती है. जीवन पथ पर आगे बढ़ने की सीख देती है. वे एक महान साहित्यकार थे. शिक्षक एसबी सिंह ने दोनों विभूतियों के बारे में जानकारी दी. शिक्षक देवानंद तिवारी ने गोस्वामी जी के व्यक्तित्व के बारे में बताया कि गोस्वामी जी का जीवन हमें कठिन परिस्थितियों में भी ईश्वर में विश्वास रखते हुए सच्चाई व धर्म के पथ पर आगे बढ़ने की सीख देती है. रामचरित मानस केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि इसमें नीति, भक्ति, शौर्य, करुणा, प्रेम, सेवा और सत्य का सुंदर समन्वय है. छात्रा हर्षिता कुमारी ने भी प्रेमचंद के जीवन पर आधारित कविता प्रस्तुत की. मंच संचालन शिक्षक विष्णु सतपथी ने किया.

तुलसीदास ने श्रीराम की भक्ति को घर-घर पहुंचाया

अरविंद

जगन्नाथपुर. पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, जगन्नाथपुर में गुरुवार को गोस्वामी तुलसीदास की जयंती मनायी गयी. प्रधानाचार्य अरविंद कुमार पांडेय ने कहा कि तुलसी दास ने राम भक्ति की ऐसी अलख जगायी कि वे जन-जन के प्रिय हो गये. तुलसीदास के साहित्य में भक्ति-भावना के साथ सामाजिक चेतना की अभिव्यक्ति मिलती है. तुलसी ने रामचरितमानस के जरिए भगवान राम की भक्ति को घर-घर तक पहुंचाया है. विद्यार्थियों ने जीवन वृतांत, गीत एवं कविताओं का पाठ किया गया. इस अवसर सुलेख, चित्रकला व निबंध लेखन की प्रतियोगिता हुई. इसमें चुने हुए सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थियों के लेख, सुलेख व चित्र प्रांत भेजे जाएंगे.

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