चक्रधरपुर.
शहर के पंप रोड स्थित पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्कूल में गुरुवार को गोस्वामी तुलसीदास की जयंती हर्षोल्लास से मनायी गयी. इस मौके पर विद्यालय में सुलेख एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. कक्षा द्वितीय सुलेख में प्रथम तृषा महतो, द्वितीय अनिषा कुमारी, तृतीय तमन्ना मुखी रही. इसी तरह कक्षा तृतीय में पप्पू तांती, संजना केराई व सावन दोंगो एवं कक्षा चतुर्थ में चित्रकला में रानी जामुदा, धानी मुखी व इंदु महतो रही. मौके पर प्रधानाचार्य आनंद चंद्र प्रधान ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास प्रमुख भारतीय कवि, संत और दार्शनिक थे. उन्होंने 12 पुस्तकों की रचना की. इसमें रामचरित मानस सबसे ज्यादा ख्याति प्राप्त की. गोस्वामी तुलसीदास प्रभु श्रीराम के परम भक्त थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में शांति देवी, जयश्री दास, मीना कुमारी, स्वास्तिक सोय, सौभिक घटक, भारती कुमारी, चांदनी जोंको, जयंती तांती का सराहनीय सहयोग रहा.सरस्वती शिशु मंदिर में गोस्वामी जी की जयंती मनी
चक्रधरपुर.
शहर के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में गोस्वामी तुलसीदास की जयंती श्रद्धा और भक्तिभाव से मनायी गयी. इसमें विद्यार्थियों ने उत्साह से भाग लिया. इस अवसर पर सुलेख, चित्रकला एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रामचरित मानस पर आधारित ‘राम-शबरी’ लघु एकांकी रहा. इसे विद्यार्थियों ने अत्यंत भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया. सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में कक्षा चतुर्थ से अष्टम की बहनों ने सामूहिक गीत-नृत्य प्रस्तुत किया. इसने अभिभावकों को भावविभोर कर दिया. गीतों में भारतीय संस्कृति, भक्ति रस और तुलसीदास जी के योगदान का सुंदर चित्रण किया गया. वरिष्ठ आचार्य बिपिन मिश्रा ने कहा कि तुलसीदास जी हिंदी साहित्य के मध्यकालीन युग के महानतम कवियों में से एक थे. उन्होंने रामचरित मानस, हनुमान चालीसा जैसी पुस्तकों की रचना की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है