हंटरगंज प्रखंड में 190 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिनमें अधिकांश केंद्र के भवनों की स्थिति जर्जर है. वहीं 57 आंगनबाड़ी केंद्र किराये के मकान में संचालित हो रहे हैं. 80 आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं, जहां सेविका को संचालन करने में परेशानी हो रही है. यहां कभी भी जर्जर भवन के कारण हादसा हो सकता है. छह ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र तो ऐसे हैं, जिसे ध्वस्त करने के लिए सीडीपीओ कार्यालय की ओर से जिले के वरीय पदाधिकारियों से आदेश मांगा गया है. मनरेगा से कई आंगनबाड़ी केंद्र भवनों के निर्माण को पूर्ण बताया जा चुका है, लेकिन भौतिक सत्यापन में केंद्र आधे-अधूरे हैं. कई आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति जर्जर है, जहां छोटे-छोटे बच्चे पढ़ाई करते हैं. जर्जर मकान के कारण कई अभिभावकों ने डर से बच्चों को केंद्र भेजना बंद कर दिया है. केंद्र में मिलनेवाली सुविधाएं: आंगनबाड़ी केंद्र में छोटे-छोटे बच्चों, धात्री व गर्भवती महिलाओं को पोषणयुक्त पौष्टिक आहार व अन्य सुविधा देने का प्रावधान है. इसके अलावा छह माह से लेकर तीन वर्ष तक के बच्चों को टीएचआर का पैकेट, तीन से छह वर्ष के बच्चों को प्रतिदिन पोषणयुक्त खिचड़ी व अंडा दिये जाते हैं. मातृत्व वंदना योजना के तहत प्रथम गर्भवती महिला को पांच हजार, दूसरी बार गर्भवती होने के बाद बच्ची जनने के बाद छह हजार रुपये के साथ टीएचआर के पैकेट दिये जाते हैं. वर्जन::: निर्माणाधीन व जर्जर आंगनबाड़ी भवनों की सूची वरीय पदाधिकारियों को भेजी जायेगी. मनरेगा से बने जिस भवन को पूर्ण बताया जा रहा है, उसे सत्यापन में अधूरा पाया गया है. इसकी जानकारी उपायुक्त को दी जायेगी. निखिल गौरव, प्रभारी सीडीपीओ
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