सिमरिया़ प्रखंड में गर्मी के दस्तक देते ही कई तालाब-पोखर सूख गये. वहीं नदी व कुएं का जलस्तर नीचे चला गया है. इन जलस्रोतों के सूखने से पानी की समस्या उत्पन्न होने लगी है. कसियाडीह, चंदिया, देल्हो, जरही व दुंदुआ गांव स्थित तालाब सूख गये. तालाब सूखने से किसानों के साथ-साथ मवेशियों को पानी के लिए परेशानी हो रही है. समय के पहले तालाब सूखने से किसान खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे है. वही मवेशियों को पानी पिलाने व नहाने में आफत हो रही है. किसान रमेश महतो, रामेश्वर महतो, जीतन महतो व अनिरुद्ध प्रसाद ने बताया कि तालाब के भरोसे एक एकड़ में गेहूं, प्याज व टमाटर की खेती की थी. तालाब सूखने से पानी की दिक्कत हो गयी है. इधर-उधर से पानी लाकर सिंचाई कर रहे हैं. वह भी जवाब दे रहा है. फसलों को बचाना मुश्किल हो रहा है. मवेशियों को कुआं चापाकल में ले जाकर पानी पिलाना पड़ रहा है.
ओलावृष्टि से बर्बाद हो गयी सब्जी की फसल
प्रतापपुर. बुधवार को आंधी और ओलावृष्टि ने प्रखंड सिदुरिया गांव में लगभग एक एकड़ में लगी खीरा, भिंडी, करेला सहित अन्य हरी सब्जियां बर्बाद हो गयीं. इससे किसान अजय यादव को 50-60 हजार नुकसान हुआ है. किसान ने बताया कि काफी मेहनत से फसल लगायी थी, लेकिन ओलावृष्टि ने सब बर्बाद कर दिया. उन्होंने सीओ से आपदा राहत के तहत मुआवजा देने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है