चतरा. झारखंड की राजनीति में अपनी गहरी छाप छोड़नेवाले व झारखंड अलग राज्य आंदोलन के जन नायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का चतरा जिला से गहरा लगाव रहा है. उनके निधन की खबर से चतरा जिले में भी शोक की लहर दौड़ गयी. झारखंड अलग राज्य आंदोलन के दौरान चतरा की धरती पर कई बार वह पहुंचे और ऐतिहासिक जनसभाएं की. वह चतरा पहुंचकर आंदोलन की रणनीतियों को साझा करने व जन जागृति फैलाने का काम करते थे. उनके साथ सूरज मंडल भी चतरा पहुंचते थे. शिबू सोरेन का चतरा से न केवल राजनीतिक, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव भी रहा था. वे जनमानस को जागरूक करने, हक-अधिकार के लड़ाई लड़ने व जन सभाओं के जरिए जनचेतना फैलाने के लिए दौरा करते थे. चतरा के झारखंड मैदान के पास उनकी कई जनसभा हुई. उनके आह्वान पर जिले के कई लोग झारखंड आंदोलन में उनके सहभागी बने थे. झामुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष अधिवक्ता जयाउद्दीन के अनुसार झारखंड मैदान में शिबू सोरेन की चार ऐतिहासिक जनसभा हुई थी. इसके अलावा शिबू सोरेन गांव-गांव का दौरा किया करते थे. गांव के चौक-चौराहो पर ग्रामीणों से चौकी मंगा उस पर खड़े हो जाते थे. ग्रामीणों की भीड़ पहुंचने के बाद अलग झारखंड राज्य आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित करते थे. लोगो को आंदोलन में भाग लेने के लिए अलख जगाने का काम करते थे. 1990-91 के समय झारखंड मैदान के समीप जनसभा में शिबू सोरेन के साथ भूतपूर्व मंत्री स्व हाजी हुसैन अंसारी, स्व टेकलाल महतो भी आये थे. इसके अलावा 1995 के विधानसभा चुनाव में सिमरिया सीट झामुमो के प्रत्याशी स्व शिवजगत राम के चुनावी सभा में शामिल हुए थे.
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