30 सीएच 8- सुरेश राम 9- विजय राम 10- शंकर साहु 11- मो मुस्तफा 12- रामविलास सिंह चतरा. सरकारी सेवा में सेवानिवृत्त होना जीवन का अहम मोड़ होता है. कार्यकाल के दौरान व्यक्ति अपना परिवार, बच्चो की पढ़ाई, जीवन यापन की जिम्मेवारी निभाता है. लेकिन रिटायर्ड होने के बाद एक नई जिंदगी की शुरुआत होती है. सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिक इसे अवसर के रूप में लेते है. वे समाजसेवी, शिक्षा व धार्मिक कार्यो में खुद को व्यस्त रख कर अगले पड़ाव की ओर बढ़ते है. रिटायर्ड होकर मुखिया बना: सुरेश राम सुरेश राम, सिदकी गांव निवासी, शिक्षक पद से सेवानिवृत्त होने के बाद प्रतापपुर प्रखंड के मुखिया बने. वे वृद्धा, विधवा, दिव्यांग पेंशन सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचा रहे हैं. उनके कार्यों से लोगों का मान-सम्मान बढ़ा है. मूंगा व केला की खेती कर रहे हैं : विजय राम विजय राम, बधार गांव निवासी, 1979 में शिक्षक बने और 2019 में सेवानिवृत्त हुए. अब वे मूंगा और केला की खेती कर रहे हैं. वे लोगों को खेती के लिए प्रेरित करते हैं और बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करते हैं. असमर्थ बच्चों की मदद भी करते हैं. पर्यावरण को संतुलित करने का प्रयास : शंकर साहू शंकर साहू, शिवपुर गांव निवासी, 1990 में शिक्षक बने और 2012 में सेवा से निवृत्त हुए. वे अब खेती और बागवानी कर पर्यावरण को संतुलित बनाने में योगदान दे रहे हैं. वे पेड़-पौधों की रक्षा करते हैं और लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करते हैं. बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करते हैं : मो मुस्तफा मो. मुस्तफा, बिंड मुहल्ला निवासी, 1977 में शिक्षक बने और 2017 में मध्य विद्यालय सुरही से सेवानिवृत्त हुए. वे रेडक्रॉस सोसाइटी के आजीवन सदस्य हैं और धार्मिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी करते हैं. साथ ही बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करते हैं. लोगों को सहयोग करते हैं : रामविलास सिंह रामविलास सिंह, बुच्चीडाड़ी निवासी, 1981 में शिक्षक बने और 2014 में सेवानिवृत्त हुए. वे 2020 तक चतरा कॉलेज में परीक्षा ड्यूटी करते रहे. अब वे समाजसेवा में सक्रिय हैं और गरीब बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ आर्थिक सहयोग भी प्रदान करते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है