Success Story: चतरा, तसलीम-झारखंड के चतरा जिले के सदर प्रखंड के हांसबो गांव के निशांत कुमार ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने गांव और जिले का नाम रोशन किया है. निशांत की सफलता से गांव में खुशी की लहर है. निशांत ने चार वर्षों तक भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून में प्रशिक्षण प्राप्त किया. ट्रेनिंग के बाद रक्षा मंत्रालय द्वारा कमीशन प्रदान किया गया. 14 जून 2025 को पासिंग परेड आउट के बाद अब उन्हें लेफ्टिनेंट के रूप में महार रेजिमेंट में नियुक्त किया गया है.
सरकारी स्कूल से की पढ़ाई, सैनिक स्कूल से पढ़कर निकाला एनडीए
चतरा में 20 अगस्त 2002 को जन्मे निशांत ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर क्षेत्रवासियों को गौरवान्वित किया है. वह शुरू से मेधावी छात्र रहे हैं. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी विद्यालय से प्राप्त की. पढ़ाई के साथ सैनिक स्कूल तिलैया की प्रवेश परीक्षा की तैयारी की. 2013 में उनका चयन सैनिक स्कूल (तिलैया) में कक्षा छह में हुआ. 2021 में यूपीएससी द्वारा आयोजित नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) की परीक्षा में ऑल इंडिया में 379 रैंक प्राप्त किया. उन्होंने एनडीए खड़कवासला में प्रवेश लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए आईएमए देहरादून में चार वर्षों तक कठोर सैन्य प्रशिक्षण लिया. प्रशिक्षण के बाद उन्हें सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त किया गया.
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सैन्य अधिकारी बनने का सपना हुआ पूरा-निशांत
लेफ्टिनेंट बनने के बाद निशांत ने कहा कि सैन्य अधिकारी बनने का सपना बचपन से ही था, जो अब पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि खुद पर विश्वास होना सबसे बड़ा मोटिवेशन है. खुद पर विश्वास कर आगे बढ़ता चला गया और सपने को साकार किया. अनुभव सिखाता है कि जीवन में समय का सबसे अधिक महत्व है. अनुशासन और निरंतरता के साथ किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने युवाओं से समाज की भलाई और देश की प्रगति में अपना योगदान देने की बात कही. उन्होंने देश सेवा को ही परम सेवा बताया.

सेना और शिक्षा से जुड़ा है परिवार
निशांत का परिवार सेना और शिक्षा से जुड़ा हुआ है. उनके पिता संजय कुमार भारतीय सेना में थे. हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं. उनके दादा नरसिंह सिंह एक सेवानिवृत्त शिक्षक हैं. निशांत के बड़े भाई रंजन कुमार मेजर के पद पर भारतीय सेना में सेवा दे रहे हैं. निशांत ने कहा कि चाचा डॉ अनिल कुमार का मार्गदर्शन उन्हें हमेशा मिलता रहा है.
इन्हें दिया अपनी सफलता का श्रेय
निशांत ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को दिया. निशांत के मामा (शिक्षक) कुमार चंदन ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि निशांत ने अपनी मेहनत और देश प्रेम के जज्बे की बदौलत यह सफलता हासिल की है. इससे क्षेत्र के अन्य युवा भी सेना में जाने के लिए प्रेरित होंगे.