23 सीएच 3- प्रेस कांफ्रेंस में शामिल लोग. फर्जी मुकदमे की जांच करने की मांग चतरा. फर्जी मुकदमे में पुलिस ने चेतना भारती संस्था के संस्थापक विनय सेंगर को जेल भेज चुकी है, इस मामले की जांच की मांग लगातार की जा रही हैं, लेकिन जांच नहीं की जा रही है. गृह सचिव के आदेश के भी मामले की जांच नहीं की जा रही है. उक्त बातें चेतना भारती के राजा भारती ने बुधवार को कार्यालय में प्रेसवार्ता कर कही. उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफटी फंड से खूंटीकेवाल कला में सामुदायिक भवन बनाने के लिए जगह मांगा गया. ग्राम सभा द्वारा स्थल चयन कर प्रस्ताव सीओ को सौंपा गया. संबंधित विभाग द्वारा जमीन की रिपोर्ट दी कि जमीन में कोई रुकावट नहीं है. इसके बाद ठेकेदार ने अपना कार्य शुरू किया. 26 जनवरी 2025 को ग्रामीण निर्धारित जमीन पर जमा हुए और झंडोत्तोलन किया गया. सामुदायिक भवन बनाने के लिए ठेकेदार की सहमति से साफ-सफाई शुरू किया. कुछ देर के बाद थाना से पुलिस बल आयी और काम को रोक दिया. तथाकथित जमीनदार के वंशज अनुप कुमार द्वारा विनय सेंगर सहित 33 लोगों पर दस लाख रंगदारी मांगने, दो लाख के सामान की चोरी व जान से मारने का धमकी देने से संबंधित मामला दर्ज कराया गया, जो बिल्कुल फर्जी है. इसके बावजूद पुलिस ने मामले की जांच करने के बजाय केस को ट्रू कर दिया और 28 फरवरी को विनय सेंगर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जो अभी भी जेल में बंद है. अन्य लोगों को समय-समय पर गिरफ्तार करने का अभियान चलाया जाता है. मुकदमा की जांच की मांग गृह सचिव, डीजीपी,डीआईज, आईजी, एसपी से कई बार की गयी, लेकिन आज तक जांच नहीं की गयी. वहीं एसडीओ द्वारा तीन माह से जमीन का रिपोर्ट बना रहे है, लेकिन अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है. गृह सचिव ने 26 जून 2025 को डीसी व एसपी के पास आदेश भेज कर 15 दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. लेकिन अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया. मौके पर ज्योति बहन, शिवरतन प्रसाद, राजा भारती, संजू देवी, शोभ राज सेंगर, जोवानी टूटी समेत कई उपस्थित थे.
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