गालूडीह .
घाटशिला की हेंदलजुड़ी पंचायत स्थित कालाझोर गांव के पास लगातार बारिश और पहाड़ का पानी उतरने से मुख्य बायीं नहर तीन जगहों पर ध्वस्त हो गयी है. नहर से सुखना पहाड़ सटा है. नहर में पानी के साथ मिट्टी-पत्थर भी आ गये. अब नहर में पानी छोड़ने पर पानी आगे नहीं जायेगा. किसान चिंतित हैं. किसान सभा के नेता दुलाल चंद्र हांसदा ने बताया कि इसकी जानकारी सुवर्णरेखा परियोजना के अभियंताओं को दी गयी. जल्द नहर की मरम्मत की मांग की है. अभी खरीफ का मौसम है. बारिश बंद होगी, तो किसानों को नहर से पानी की जरूरत पड़ेगी. अगर अभी समय रहते मरम्मत नहीं हुई, तो जरूरत के समय किसानों को पानी नहीं मिलेगा. दुलाल हांसदा ने बताया कि एक जगह पर ज्यादा नुकसान हुआ है. जानकारी हो कि चांडिल से निकली मुख्य बायीं नहर 127 किमी लंबी बहरागोड़ा से बंगाल सीमा तक बनी है. इससे हर साल खरीफ की खेती के समय झारखंड के किसानों को खेती के लिए पानी मिलता है.क्षतिग्रस्त सिंचाई नाला की मरम्मत में जुटे किसान
मुसाबनी.
मुसाबनी की पारुलिया पंचायत के करीब आधा दर्जन टोला के किसानों ने श्रमदान कर रतनुकोचा से रोहिणीगोड़ा तक क्षतिग्रस्त सिंचाई नाला की मरम्मत शुरू की. रतनुकोचा चेकडैम से रोहिणीगोड़ा तक करीब 3200 फीट लंबी पक्की सिंचाई नाला का निर्माण करीब तीन दशक पहले हुआ था. सूर्याबेड़ा के पहाड़ों पर हुई बारिश का पानी चेकडैम में जमा होता है. सिंचाई नाले से होकर रोहिणीगोड़ा, कुदसिया, चुवाशोल, लोचनडीह, रतनुकोचा समेत पारुलिया के खेतों तक पहुंचता है. पिछले दिनों हुई बारिश से पुनडुगरी टोला के समीप सिंचाई नाला क्षतिग्रस्त हो गया है. किसानों को धान रोपनी के लिए पानी की कमी झेलनी पड़ी. क्षेत्र के किसानों के लिए उक्त सिंचाई नाला लाइफलाइन है. किसानों ने क्षतिग्रस्त सिंचाई नाला की मरम्मत की मांग मुखिया से की, लेकिन फंड नहीं होने की बात कही गयी. किसानों ने कहा कि प्रत्येक परिवार से चंदा लेकर सीमेंट, गिट्टी व बालू की खरीदारी कर क्षतिग्रस्त नाला की मरम्मत होगी, ताकि खेती के लिए पानी की समस्या ना हो. मौके पर नीलांबर नायक, रूपलाल नायक, पंचा नायक, भागा सोय, कांडे बिरुवा समेत कई किसान सफाई में जुटे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है