घाटशिला. घाटशिला के पूर्व विधायक बास्ता सोरेन की स्मृति में बुधवार को विभूति संस्कृति संसद मंच पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गयी. सभा में राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री दिनेश षाड़ंगी, पूर्व विधायक देवीपद उपाध्याय और सूर्य सिंह बेसरा समेत कई बुद्धिजीवी, शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे. मौके पर रामदास सोरेन ने कहा बास्ता सोरेन हमारे लिए एक अभिभावक जैसे थे. एक साधारण शिक्षक से प्रभावशाली विधायक तक का उनका सफर प्रेरणादायी रहा. उन्होंने आदिवासी समाज, शोषित वर्ग और वंचितों के अधिकारों के लिए आवाज उठायी. उनका संघर्ष, संवेदना और प्रतिबद्धता हम सभी के लिए मार्गदर्शक हैं. कहा कि बास्ता सोरेन अन्याय के खिलाफ हमेशा पीड़ितों के साथ खड़े होते और आवाज बुलंद करते थे. खासकर आदिवासी समाज के लिए उनका समर्पण अद्वितीय था.
जन आंदोलन के नायक थे बास्ता सोरेन : डॉ दिनेश षाड़ंगी
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री दिनेश षाड़ंगी ने कहा कि बास्ता सोरेन जनआंदोलन के नायक थे. उनका जीवन संघर्ष, तपस्या और सेवा का प्रतीक रहा है. उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनायी. खासकर आदिवासी और वंचित समाज के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय है. कार्यक्रम का संचालन शेखर मल्लिक ने किया. मौके पर विभूति संसद के अध्यक्ष देवीप्रसाद मुखर्जी, आइसीसी वर्कर्स यूनियन के महासचिव ओम प्रकाश सिंह, सीपीआइ जिलाध्यक्ष अंबुज कुमार ठाकुर, शशि कुमार, डॉ देवदूत सोरेन, डॉ सुनीता देवदूत सोरेन, जगदीश भकत, कालीपद गोराई, काजल डॉन, दुर्गा चरण मुर्मू, सोनाराम सोरेन, वकील हेंब्रम, सुशील टुडू, विक्रम कुमार, प्रो मितेश्वर, इंदल पासवान, सूजन सरकार, डॉ प्रसेनजीत कर्मकार, इंद्र कुमार राय, मुकुल महापात्रा, विनय बेरा समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे. इस अवसर पर दिव्यांशी सोरेन ने अपने स्व दादा की स्मृति में कविता प्रस्तुत की.
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