मो.परवेज(घाटशिला). सिकुड़ते व गायब होते पहाड़ों और उजड़ते व धधकते जंगलों से वन्य प्राणियों पर आफत आयी हुई है. जवाबदेह चुप हैं. आम लोग और वन्य प्राणियों को लगातार नुकसान हो रहा है. वन्य प्राणी जंगल छोड़ कर गांवों और शहरों में घुस रहे हैं. इससे ग्रामीण डरे सहमे रहने को विवश हैं. इंसान और जानवर दोनों प्रभावित हो रहे हैं.
पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल के उत्तर में पश्चिम बंगाल, दक्षिण में ओडिशा सीमा से सटे पहाड़ और घने जंगल हैं. इसका दायरा काफी बड़ा है. इन पहाड़ों और जंगलों का दोहन हो रहा है. ओडिशा सीमा से सटे गुड़ाबांदा- डुमरिया इलाके के बीहड़ इलाकों में खनन माफिया के कारण पहाड़ सिकुड़कर गायब तक हो रहे हैं. वहीं, जंगल काटे जा रहे हैं. कमोवेश यहीं हाल उत्तरी इलाके में बंगाल सीमा सटे इलाकों में है.पहाड़ों पर पहुंच रही जेसीबी-पोकलेन मशीन
पहाड़ों पर जेसीबी-पोकलेन मशीन तक जा रही है. हाल में गुड़ाबांदा के राजाबासा से पहाड़ पर खनन करते एक पोकलेन को वन विभाग ने जब्त किया था. वहीं, रविवार को घाटशिला रेंज के हलुदबनी में काट कर रखीं लकड़ियों को वन विभाग ने बरामद दिया. दिन भर ट्रैक्टर और पिकअप वैन से लकड़ियों को ढोकर वन विभाग घाटशिला रेंज कार्यालय लाया. इससे साबित हो रहे हैं कि जंगल उजड़ रहे और पहाड़ गायब हो रहे हैं. गर्मी में जंगल अक्सर धधकता रहता है. इस बार अप्रैल-मई में लगातार बारिश होते रहने से जंगल में आग लगने की घटनाएं कुछ कम हुई हैं.गांवों में घूम रहे हाथी, बीते दिनों हिरण पानी की तलाश में आ गया था
बीते 22 मई को उत्तरी इलाके के पहाड़ और जंगल से भटक कर एक प्यासा हिरण घाटशिला पहुंच गया था. तीन कुत्तों ने दौड़ाया, तो ग्रामीणों ने बचाकर वन विभाग को सौंपा. वन विभाग हिरण को टाटा जू लेकर गयी. इसी तरह जंगली हाथी गांवों में घुस रहे हैं. अब स्टेट हाइवे पर पहुंच रहे हैं. हाल में झाड़ग्राम से सटे इलाके में स्टेट हाइवे पर एक हाथी के आने से आवागमन रुका रहा.कई ग्रामीण व हाथियों की जान तक चली गयी
चाकुलिया की सड़क और गलियों में अक्सर जंगली हाथी घूमते दिख जाते हैं. हाथियों के हमले से अबतक कई लोग मारे जा चुके हैं. वहीं, करंट लगने और गड्ढे में गिरने से कई हाथी मारे जा चुके हैं. इसी साल बाघुड़िया के डुमकाकोचा में एक हाथी का बच्चा गड्ढे में गिर कर मर गया. वहीं डाइनमारी में एक हाथी का बच्चा मारा गया.गर्मी में पहाड़ी झरने सूखने से भटकते हैं जानवर
गर्मी में पहाड़ी झरने सूखने से जानवरों पर आफत आती है. पानी की तलाश में जानवर भटकते हैं. हिरण भी प्यास के कारण भटक कर शहर पहुंचा था. हाथी भी भोजन की तलाश में शहर व गांव में घुस रहा है. जंगल में हाथी के खाने लायक कुछ बचा नहीं है. हाल के दिनों में लंगूर भटक कर जंगल से शहरों में पहुंचे हैं.जंगल का दायरा बड़ा, वन विभाग में कर्मियों की संख्या कम
घाटशिला अनुमंडल में जंगल का दायरा काफी बड़ा है. इस अनुमंडल में घाटशिला, चाकुलिया, मुसाबनी रेंज आते हैं. एक रेंजर कई जगह के प्रभार में हैं. वनपाल जितना होना चाहिए नहीं हैं. वनरक्षियों की घोर कमी है. ऐसे में जंगल की रक्षा कैसे होगी. घाटशिला के रेंजर विमद कुमार कहते हैं जितना संभव हो रहा, काम कर रहे हैं. जंगल की रक्षा हमारी प्राथमिकता है. वन्य प्राणियों की रक्षा जरूरी है. हाल में बाघ आया था. वन विभाग दिन-रात सक्रिय रहा. हिरण भटक कर पहुंचा, तो तत्परता दिखाकर टाटा जू भेजा गया. हाथियों की रक्षा के लिए टीम गठित कर काम किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है