पटमदा. पटमदा प्रखंड की लच्छीपुर पंचायत के बांतोड़िया गांव निवासी युवा किसान अनूप कुमार महतो और संदीप कुमार महतो ने इस साल भी हर वर्ष की तरह बैंक से 1.5 लाख रुपए का ऋण लेकर तरबूज की खेती की. दोनों भाइयों ने डीप बोरिंग के जरिए सिंचाई कर 5 एकड़ जमीन पर तरबूज उगाया. मेहनत रंग लाई और शुरुआत में उत्पादन भी अच्छा हुआ, लेकिन मौसम की मार ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और चिलचिलाती धूप के चलते तरबूज के फल ऊपर से सफेद दागदार होकर अंदर से सड़ गए. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ. अब दोनों भाइयों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि बैंक का 1.5 लाख रुपए का कर्ज कैसे चुकाया जाए. खेत में सड़े तरबूज अब जानवरों के खाने के लिए छोड़ दिए गए हैं. अनूप और संदीप ने बताया कि वे साल भर विभिन्न वैरायटी की सब्जियों की खेती करते हैं. इस साल टमाटर, फूलगोभी और तरबूज उगाया गया था. टमाटर और फूलगोभी की फसल भी इस बार घाटे का सौदा रही, क्योंकि बाजार में कीमत नहीं मिली. कई सब्जियां खेत में ही छोड़ दी गईं. इसी नुकसान की भरपाई के लिए तरबूज की खेती की गई थी, लेकिन बेमौसम बारिश और ओले ने तरबूज की फसल को भी तबाह कर दिया. इसके बावजूद दोनों भाइयों ने हार नहीं मानी और हर पौधे को खाद व दवा देकर सुधारने की कोशिश की. तरबूज का उत्पादन तो बढ़िया रहा, लेकिन बाजार में दर बेहद कम मिला. अब तक केवल 30 हजार रुपये की बिक्री ही हो सकी है. यदि फसल पूरी तरह नष्ट नहीं होती, तो कम से कम लागत निकल जाती. मगर इस बार की गर्मी और धूप ने सारी मेहनत मिट्टी में मिला दी. दोनों किसान अब पूरी तरह टूट चुके हैं और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.
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