गालूडीह.
घाटशिला प्रखंड की हेंदलजुड़ी पंचायत स्थित हलुदबनी सबर बस्ती के पांच सबर बच्चे अनाथ हो गये. दरअसल, एक साल पहले उनकी मां का देहांत हो गया था. अब पिता की मौत हो गयी. अब पांच बच्चे बेसहारा हो गये हैं. उनका घर जर्जर है. पिता के नाम पर राशन कार्ड है. इससे सबर बच्चे दो वक्त का पेट भर रहे हैं. उनका भविष्य कैसे संवरेगा? इसकी चिंता है. दरअसल, हलुदबनी सबर बस्ती निवासी पालटू सबर की बीमारी से बीते शनिवार को मौत हो गयी. करीब एक साल पहले उसकी पत्नी केशोरी सबर की मौत बीमारी से हो गयी थी. उनके पांच बच्चों में बाबूराम सबर (13), रतन सबर (11), रांगी सबर (9), बाबूजी सबर (7), आकाश सबर (3) शामिल हैं. इनका परवरिश कैसे होगा का बड़ा सवाल है. यह चिंता गांव के ग्रामीणों को सताने लगी है.सरकारी राशन से दो वक्त भात मिल जाता है
बच्चों ने बताया कि पिता के नाम पर राशन कार्ड है. सरकारी राशन से दो वक्त का भात नसीब हो जाता है. माता- पिता जीवित थे, तो मजदूरी करते हैं. उन्हें प्रतिदिन 250-300 मजदूरी मिल जाती थी, जिससे सभी का भरण पोषण होता था. बड़ा बेटा 13 वर्षीय बाबूराम सबर के कंधों पर अपने छोटे भाई-बहनों की जिम्मेदारी आ गयी है. वह कैसे सभी को संभालेगा? इसकी चिंता है. इसपर प्रशासन और सबरों के उत्थान के लिए गठित आदिम जनजाति उत्थान मंच के पदाधिकारियों को ध्यान देना जरूरी है.
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