घाटशिला. घाटशिला कॉलेज के बांग्ला विभाग ने विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम की जयंती पर सोमवार को एक संगोष्ठी आयोजित की. इसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ पीके गुप्ता ने की. मुख्य वक्ता महाविद्यालय के पूर्व छात्र सह बांग्ला के स्थानीय साहित्यकार वीरेंद्रनाथ घोष उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन व काजी नजरुल की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई. इसके बाद शिक्षकों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. प्राचार्य ने मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया. संगोष्ठी में बांग्ला विभाग के सैकत दे ने काजी नजरुल की कविता ‘विद्रोही’ का पाठ किया. राजनीति विज्ञान के प्रो इंदल पासवान ने उनके संघर्षपूर्ण जीवन पर प्रकाश डाला. उनके कार्यों के बहुभाषी अनुवाद की आवश्यकता जतायी. मुख्य वक्ता वीरेंद्रनाथ घोष ने कहा कि नजरुल इस्लाम वैविध्य गुणों के धनी व्यक्तित्व थे, जिनका जीवन संघर्ष और कृतित्व पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा. उन्होंने अपनी पुस्तक भारत भास्कर की एक प्रति प्राचार्य को भेंट की. कार्यक्रम का संचालन बांग्ला विभागाध्यक्ष डॉ संदीप चंद्रा ने किया. धन्यवाद ज्ञापन प्रो सरयू पॉल ने किया. मौके पर महाविद्यालय के अनेक शिक्षक व छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
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