गालूडीह. गालूडीह प्राचीन रंकिणी मंदिर का 75वां पुनः प्रतिष्ठा दिवस समारोहपूर्वक मंगलवार को मंदिर परिसर में मनाया गया. यह समारोह मुख्य पुजारी सह संन्यासी विनय दास बाबाजी की देखरेख में हुआ. मौके पर मां रंकिणी की विशेष पूजा-अर्चना की गयी. मंदिर परिसर में 525 दीप जलाये गये. दीये रखकर बांग्ला में 75 लिखा गया. बाबाजी ने दीप जलाकर समारोह का उद्घाटन किया. पूजा में 75 नारियल फोड़े गये. वहीं 75 लड्डू, 75 खजूर, 75 पेड़े, 75 केला चढ़ाये गये. हर पूजा सामग्री की संख्या 75 थी. वहीं 525 दीप जलाये गये. पुजारी उज्ज्वल चटर्जी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मां रंकिणी की पूजा करायी. इस दौरान भजन कीर्तन चलता रहा. रंकिणी मंदिर के स्थापना दिवस पर स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन रंकिणी मंदिर पहुंचे. उन्होंने श्रद्धा के साथ मां रंकिणी की पूजा कर बाबाजी से आशीर्वाद लिया. मां को भोग चढ़ाकर क्षेत्र की सुख-शांति व समृद्धि की कामना की. मंत्री ने कहा कि गालूडीह का रंकिणी मंदिर आस्था का केंद्र है. बाबाजी के प्रति लोगों की आस्था है. प्राचीन मंदिर को विकसित करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. इसके बाद मंत्री ने मंदिर के पुजारी उज्ज्वल चटर्जी को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया. वहीं, श्रद्धालुओं ने दाल, चावल, सब्जी का प्रसाद ग्रहण किया. मौके पर जगदीश भकत, लालटू महतो, दुर्गाचरण मुर्मू, वकील हेंब्रम, श्रवण अग्रवाल, सुनाराम सोरेन, बबलु हुसैन, दुलाराम टुडू, काला सरकार, परीक्षित दत्ता, सुशील मार्डी, राजश्री भकत, जयश्री पाल, मल्लिका राय, मनोज सिंह, ममता सिंह, निमाई कालिंदी, मदन दलाई, श्याम बांड्रा समेत अनेक भक्तगण उपस्थित थे.
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