गालूडीह.
घाटशिला प्रखंड के बाघुड़िया पंचायत के सबर दंपती पंचायत व्यवस्था से जुड़कर समाज सेवा में जुटे हैं, पर खुद झोपड़ी में जीवन गुजारने को मजबूर हैं. सुशीला सबर जहां पंचायत समिति सदस्य हैं, वहीं उनके पति लक्ष्मण सबर नरसिंहपुर एक नंबर वार्ड के वार्ड सदस्य हैं.विलुप्तप्राय आदिम जनजाति समाज से आने वाले इस दंपती के पांच बच्चे हैं और वर्षों से वे कच्ची झोपड़ी में जीवन बिता रहे हैं. हाल ही में इन्हें आवास योजना के तहत घर मिला, लेकिन वह अभी अधूरा है.पंचायत प्रतिनिधि होने के कारण मंईयां योजना का लाभ भी नहीं मिल सका. इसके बावजूद वे जंगल से लकड़ी लाकर और मजदूरी कर अपना परिवार चला रहे हैं. राशन कार्ड के जरिये उन्हें खाद्यान्न मिलता है.सबर दंपती विपरीत परिस्थिति में भी बच्चों को दिला रहे शिक्षा
सबर दंपती न केवल पंचायत के लोगों की समस्याओं को सुनते हैं, बल्कि समाधान में भी सक्रिय रहते हैं. इन विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाया. बड़ा बेटा सुनील सबर इस वर्ष बाघुड़िया उच्च विद्यालय से मैट्रिक द्वितीय श्रेणी से पास हुआ है, जबकि छोटा बेटा बुद्धेश्वर आठवीं कक्षा में है. बेटी फूलमनी कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ रही है, बड़ी बेटी बिनी की शादी हो चुकी है और सबसे छोटी बेटी प्रिया भी शिक्षा प्राप्त कर रही है.
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