चाकुलिया.डालसा (जिला विधिक सेवा प्राधिकार) के सचिव धर्मेंद्र कुमार बुधवार को चाकुलिया हवाई पट्टी के समीप ठोस अपशिष्ट (कचरा) प्रबंधन संयंत्र में पहुंचे. जमशेदपुर निवासी स्वपन सिंहदेव ने संयंत्र स्थापना में भारी लापरवाही की शिकायत करते हुए उच्च न्यायालय में पीआइएल दाखिल किया है, जो मुख्य न्यायाधीश के बेंच में पहुंचा है. मुख्य न्यायाधीश ने जांच का जिम्मा धर्मेंद्र कुमार को दिया है. डालसा सचिव को जांच में कई गड़बड़ियां मिलीं. हालांकि, बिजली नहीं रहने के कारण संयंत्र को चलाया नहीं जा सका. उनके जाने के बाद नगर पंचायत के प्रशासक चंदन कुमार के प्रयास से जनरेटर के सहारे संयंत्र चलाया गया. इसका वीडियो बनाकर सेक्रेटरी के व्हाट्सएप पर भेजा गया. जांच के दौरान उन्होंने मौजूद कर्मचारियों को फटकार लगायी.
5 एचपी की जगह 0.5 एचपी का लगाया मोटर:
सूचना के अधिकार से जानकारी मिली कि जहां 5 एचपी के मोटर लगाना था, वहां 0.5 एचपी के लगाये गये. कचरा को वजन करने के लिए 30 टन क्षमता का कांटा लगाना थी, जबकि 20 टन क्षमता का स्थापित किया गया. बिजली कनेक्शन के नाम पर विभाग से 7 लाख की निकासी की गयी. इसमें गड़बड़ी के कारण विभाग ने बिजली काट दी है.पांच साल बीत गये, कचरे से न ईंट बनी न खाद :
संयंत्र में कचरों को रिसाइकल कर खाद और ईंट बनानी थी. संयंत्र स्थापित हुए 5 वर्ष से अधिक समय हो गया, परंतु ईंट या खाद नहीं बनी. शिकायत है कि चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र से निकले कचरे को हवाई पट्टी परिसर में जहां-तहां फेंका जा रहा है. लाखों के वाहन खड़े-खड़े बेकार हो गये हैं.
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