पोटका. पोटका प्रखंड के खैरपाल गांव में बांग्ला क्लब के 55वें स्थापना दिवस पर बांग्ला जन जागरूकता अभियान का आयोजन रविवार को किया गया. इस मौके पर बांग्लाभाषा की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गयी. वक्ताओं ने कहा कि राज्य के अधिकांश बांग्ला विद्यालय आज पाठ्यपुस्तकों की कमी और सरकारी उपेक्षा के कारण बंद होने के कगार पर हैं. भाषा बचाने के लिए समाज को आगे आना होगा. कार्यक्रम के दौरान रांची स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के नाम परिवर्तन की भी कड़ी निंदा की गयी. साथ ही, विगत 25 वर्षों में बंगला अकादमी का गठन न हो पाने पर गहरा दुख और असंतोष प्रकट किया गया. मौके पर ”अपूर पाठशाला” के समर्पित शिक्षकों को समिति की ओर से उपहार, अंगवस्त्र व सामाजिक संस्था गाजूर के संस्थापक जन्मेजय सरदार को पौधा प्रदान कर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में साहित्यकार सह समाजसेवी सुनील कुमार दे, गौरांग साहु, ब्रजेन्द्र दास, कृष्ण पद मंडल, क्षेत्रमोहन पाल, शरतचंद्र दास, बलराम गोप आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन मृणाल कांति पाल व स्वागत भाषण संजय साहु दिया.
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