घाटशिला. घाटशिला कॉलेज की एआइडीएसओ कमेटी ने गुरुवार को कॉलेज परिसर में मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर विचारगोष्ठी व सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया. इसका उद्घाटन प्रेमचंद की तस्वीर पर माल्यार्पण कर हुआ. इसका उद्देश्य प्रेमचंद की रचनाओं का मार्क्सवादी दृष्टिकोण से विश्लेषण कर छात्रों में सामाजिक चेतना का प्रसार करना था. प्राचार्य डॉ पीके गुप्ता ने कहा कि प्रेमचंद ने साहित्य को महलों से निकाल कर खेत-खलिहानों और झोपड़ियों तक पहुंचाया. वे जन साहित्य के प्रवर्तक रहे. मुकुल महापात्रा, प्रो इंदल पासवान, प्रो एसके सिंह, प्रो दिलचंद, प्रो संदीप चंद्रा समेत अन्य वक्ताओं ने प्रेमचंद को वर्ग-संघर्ष, सामाजिक यथार्थ और आर्थिक न्याय का साहित्यकार बताया. मुंशी प्रेमचंद ने साहित्य को शोषितों की आवाज बनाया. छात्रों ने कविता, भाषण और विश्लेषण के माध्यम से प्रेमचंद की विचारधारा को प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन रोहित भगत और धन्यवाद ज्ञापन मो राहिफ ने किया. मौके पर दुलाल हेंब्रम, सुजीत जाना, रघुनाथ हांसदा, रोहित भगत, एमडी राहिफ, अनामिका भगत, साखू हांसदा, नवमी चौधरी, प्रतिमा मांकी, ग्लोरी हांसदा, खुकु नायक, जयंती मुर्मू, ज्योति मुंडा, शिवम गोराई, अल्ताफ खान, मुकुल भगत, प्रिया गोराई, पल्लवी दास समेत कॉलेज के शिक्षक, छात्र-छात्राएं और समाजसेवी उपस्थित थे.
टीपीएस डीएवी पब्लिक स्कूल में याद किये गये प्रेमचंद
बहरागोड़ा के टीपीएस डीएवी पब्लिक स्कूल में गुरुवार को कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनायी गयी. इसका शुभारंभ दीप जलाकर और चित्र पर पुष्प अर्पित कर शिक्षक-शिक्षिकाओं ने किया. छात्रा प्रीति पंडित, संभावी सिंह ने प्रेमचंद के जीवनी पर विस्तार पूर्वक चर्चा की. उनसे जुड़ी सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी, विचार और उनके कहानियों और उपन्यासों की बातों को छात्रों के साथ साझा किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है