डुमरिया. डुमरिया प्रखंड के माड़ोतोलिया गांव स्थित तुरियाबेड़ा टोला में दो दिनों से महिला पूजा पाड़िया का शव घर में पड़ा है. अंतरजातीय विवाह करने के कारण ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है. महिला के घर में वृद्ध मां और उसकी सात माह की बच्ची है. बच्ची कुपोषित है. बुधवार को गांव में मलेरिया जांच के लिए पहुंची टीम के डॉ सुमित साह ने मानसी प्लस परियोजना के उषा महतो को जानकारी दी. उषा महतो ने बाकड़ाकोचा गांव के बासेत को साथ में लेकर तुरियाबेड़ा पहुंची. उन्होंने ग्रामीणों को समझाया कि शव से दुर्गंध फैलने पर आपलोगों को परेशानी होगी. इसके बाद ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए. हालांकि, शाम 6:30 बजे तक ग्रामीणों ने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया था.
सात माह की बच्ची को कुपोषण उपचार केंद्र भेजा :
टीम ने महिला की सात माह की बेटी पंचमी को इलाज के लिए डुमरिया सीएचसी लायी. सीएचसी के चिकित्सक डॉ कल्याण महतो ने बच्ची की स्थिति को देख कुपोषण उपचार केंद्र घाटशिला रेफर कर दिया. बच्ची के पैर व चेहरे में सूजन है.पश्चिम बंगाल के बांदवान में की थी शादी :
जानकारी के अनुसार, गांव की पूजा पाड़िया ने पश्चिम बंगाल के बांदवान स्थित कुचिया गांव में दूसरी जाति के युवक से अंतरजातीय विवाह किया था. कुछ माह पहले पूजा के पति अमित की मौत हो गयी. इसके बाद वह मां के साथ तुरियाबेड़ा में रह रही थी. उसे 7 माह 6 दिन की बच्ची पंचमी पाड़िया है. समुचित इलाज के अभाव में 13 मई की दोपहर लगभग 3 बजे पूजा की मौत हो गयी. दूसरे समाज में शादी करने के कारण समाज ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. घर में मृतक की मां है. भाई काम करने चेन्नई गया हुआ है. उसकी 7 माह 6 दिन की बच्ची पंचमी अनाथ हो गयी है. उसकी तबीयत खराब है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है