डुमरिया. डुमरिया में आयी बाढ़ ने कई लोगों की कमर तोड़ दी है. डुमरिया के छोड़ा चौक के दुकानदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. यहां प्रज्ञा केंद्र के अलावा दो होटल मालिक अपना सब कुछ गंवा़ चुके हैं. प्रज्ञा केंद्र के संचालक दुकान की सफाई में लगे हैं. जेराॅक्स मशीन, कंप्यूटर, प्रिंटर, इंवर्टर, विभिन्न तरह के लाभुक तथा छात्र- छात्राओं के फाॅर्म सभी पानी व गीली मिट्टी के कारण बर्बाद हो गये. प्रज्ञा केंद्र के संचालक ने बताया कि शटर बंद रहने के वाबजूद चार फीट पानी व मिट्टी अंदर घुस गया. सबकुछ डूब गया. काफी क्षति हुई है. इस क्षति से उबरने में लंबा समय लग जायेगा. सीओ को मुआवजा के लिए आवेदन दिये हैं. बगल के ही होटल संचालक निमाई पुरान ने बताया कि बाढ़ सुबह आयी तो जान बच गयी. रात में आती तो परिवार के साथ दुकान के सामानों की तरह हम भी बह जाते. दुकान के पीछे बाढ़ का पानी घुसा. देखते- देखते पांच छह फीट पानी चढ़ गया. आगे का दरवाजा मजबूरन खोलना पड़ा. जिससे घर व होटल का सारा सामान बह गया. ग्रामीण कुछ सामान पानी से निकाल कर हमें दिये. नकदी भी लगभग 20 हजार बह गये. होटल के लिए रखे बेसन का बोरा, तेल का टीना, गैस चूल्हा, चावल, दाल, मैदा, चीनी, आलू- प्याज सब कुछ बह गया. बाढ़ के बाद बगल के खेत में पांच फीट पानी में डुबकी लगा कर होटल की सामग्रियों को होटल मालिक निमाई ने इकट्ठा किया. यह एक दर्दनाक त्रासदी है.
जहां कभी होटल था, आज मैदान बन गया
छोलागोड़ा चौक से कुछ ही दूरी पर पुआल की छावनी बनाकर होटल का संचालन करने वाले उत्तम गिरी के होटल की सभी सामग्रियां बाढ़ में बह गयीं. यहां तक कि होटल के लिए बनाने के लिए लकड़ी व बांस के ढांचा भी बहे गये. जहां होटल था वहां खाली मैदान बन गया है. सारा सामान बह गया. अब होटल संचालकों को फिर से होटल को संचालित करने के लिए नये सिरे से शुरुआत करनी होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है