गालूडीह. सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर पहले की तुलना में थोड़ा कम हुआ है. हालांकि अब भी गालूडीह बराज के 13 गेट खुले हैं. वहीं इस डैम में पानी का लेबल अब ही 91 मीटर आरएल है. दो दिन पहले डैम का 15 गेट खुला था. अब 13 गेट खुले हैं. डैम में कुल 18 गेट हैं, जिसमें पांच बंद हैं. नदी से पूर्व दिशा में डैम से लगातार पानी जा रहा है. इससे गालूडीह से बहरागोड़ा तक नदी उफनाई है. इधर ओडिशा सरकार ने परियोजना से एक जुलाई से दायीं नहर में पानी छोड़ने की मांग की थी. पर लगातार बारिश होने से एक जुलाई को बराज से दायीं नहर में पानी नहीं छोड़ा गया. अब फिर से मांग होगी तो बराज से दायीं नहर में पानी छोड़ा जायेगा. जानकारी हो कि बराज और दायीं नहर निर्माण में कुल खर्च का 96 प्रतिशत खर्च ओडिशा ने किया है. इसलिए पानी पर उसका अधिकार है. तब जल संधि के तहत यह करार भी हुआ था. इसलिए हर साल खरीफ के मौसम में धान की खेती के समय सुवर्णरेखा परियोजना ओडिशा की मांग पर बराज से पर्याप्त पानी दायीं नहर में तब तक छोड़ता रहता है जब तक मांग पूरी ना हो जाय. जुलाई से जो पानी छोड़ना शुरू वह अक्तूबर तक चलता रहता है. दूसरी ओर डैम के कुछ गेट खुले रहने से नदी तटवर्ती गांवों के मछुआरे लगातार जाल से मछली पकड़ रहे हैं. इससे मछुआरों की आमदनी बढ़ी है और रोजगार का अवसर मिला है.
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