बरसोल. डैम का पानी छोड़ने से बरसोल क्षेत्र के सुवर्णरेखा नदी और रांगड़ो नाला का जलस्तर बढ़ने से पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. सुवर्णरेखा नदी किनारे बसे चित्रेश्वर, रंगुनिया, पचांडो, भातहंडिया आदि जगह के लगभग 10 बीघा खेत पर धान के खेत डूब गये. किसान प्रियलाल लेंका, हेमंत घोष, शुभेंदु घोष, विजय श्यामल, समु लेंका, जानू श्यामल आदि ने मशीन से धान की पटवन कर धान की रोपनी की थी. डैम का पानी छोड़ने से खेत पूरी तरह से डूब गया है. अगर लगातार स्थिति यही रही तो धान के पौधे पूरी तरह से बर्बाद हो जायेंगे. बढ़ते पानी को लेकर किसान चिंतित है. उक्त किसानों के खेत नदी तटवर्ती क्षेत्र में हैं. नदी का जल स्तर काफी अधिक बढ़ जाने से पानी खेतों तक भर गया है.
सुवर्णरेखा नदी उफनायी, गालूडीह बराज के 16 गेट खोले गये
लगातार बारिश से सुवर्णरेखा नदी फिर एक बार उफान पर है. सुवर्णरेखा परियोजना के गालूडीह बराज के 18 में से 16 गेट खोले गये. इससे नदी की पूर्व दिशा में पानी तेजी से बढ़ रहा है. इससे गालूडीह से बहरागोड़ा तक सुवर्णरेखा नदी उफान पर है. नदी के दोनों किनारे लबालब भरे हुए है. बराज के पास तटवर्ती गांवों के मछुआरे जाल से मछली पकड़ कर डैम में ही 80-100 रुपये प्रति किलो बेच रहे हैं. हालांकि, नदी उफनाने से मछूआरे नदी के अंदर नहीं जा रहे हैं. जाल में लंबी रस्सी लगाकर डैम के ऊपर से मछली पकड़ रहे हैं. पानी छोड़ने के बाद लोग घूमने के लिए डैम पहुंच रहे हैं. फिलहाल डैम में पानी का लेवल अभी 88.5 मीटर आरएल है. परियोजना पदाधिकारियों ने कहा कि तटवर्ती गांवों को सायरन बजाकर अलर्ट किया जा रहा है. सुवर्णरेखा परियोजना के मुख्य अभियंता राम निवास प्रसाद ने बताया कि गालूडीह बराज डैम के 16 गेट खुले हैं, जिससे नदी कr पूर्व दिशा में प्रति सेकेंड 3155.42 क्यूसेक पानी जा रहा है. नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण एक-एक कर 16 गेट खोले गये हैं. लगातार बारिश से नदी से जुड़े कई नाले भी उफान पर हैं. इससे नदी का जल स्तर बढ़ा रहा है. इसके अलावे चांडिल डैम, गाजिया बाराज, जादूगोड़ा डैम के गेट खोलने से नदी का जल स्तर बढ़ा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है