गालूडीह. गालूडीह बराज के 18 में से 15 गेट मंगलवार को बंद करने से पानी का स्तर 93 मीटर आरएल पहुंच गया. इससे बराज की पश्चिम दिशा में कई खेत डूब गये. पश्चिम दिशा में दूर-दूर तक पानी ही पानी दिख रहा है. खेतों में किसानों ने धान की फसल लगायी थी, जो डूबने से बर्बाद हो गयी.
कई एकड़ खेत डूबने से किसान परेशान हैं. धान की फसल बर्बाद हो गयी. काशीडीह गांव के किसान भीम कैवर्त ने डूबा खेत दिखाते हुए कहा कि 15 डिसमिल में धान की फसल थी. डूबने से बर्बाद हो गयी. उसके खेत में तीन फीट पानी भर गया है. धान के बिचड़े डूबने से सड़ कर बर्बाद हो जायेगा. अब खेती संभव नहीं है. इसके पूर्व एक बार खेत डूबा था. उन्होंने कार्यपालक अभियंता से मिलकर शिकायत की थी. गेट खोलकर पानी बहाने से खेत में पानी कम हो गया था. अब गेट बंद होने से खेत दोबारा डूब गये. किसान भीम कैवर्त ने बताया कि कर्ज लेकर खेती की थी. अब कर्ज चुकाने की चिंता सता रही है. किसान भीम कैवर्त ने फसल बर्बाद होने की सूचना पंसस नगेन महतो को दी. किसान ने क्षतिपूर्ति की मांग पर सुवर्णरखा परियोजना के अधीक्षण अभियंता को आवेदन सौंपा है. बताया कि जमीन नदी किनारे से दूर है. बावजूद पानी भर गया. जल्द बराज में पानी कम नहीं किया गया, तो भारी नुकसान होगा.सीआरपीएफ प्रशिक्षण कैंप तक पानी फैला
जब भी बराज में 93 मीटर आरएल पानी स्टोर किया जाता है, तब पश्चिम दिशा के खेत डूब जाते हैं. प्रभावित गांवों में काशीडीह, चंद्ररेखा, चिटाघुटू, गोपालपुर, बड़ापहाड़, देवली है. किसान इसे लेकर विरोध जताते रहे हैं. नदी किनारे खेत डैम के पानी से प्रभावित हैं. किसानों की मांग पर परियोजना 77 करोड़ की लागत से तटबंध बना रहा है. काम अभी शुरू हुआ है. डैम के पश्चिम दिशा में सीआरपीएफ प्रशिक्षण कैंप तक पानी भर गया है. क्वाटरों के नजदीक पानी पहुंच गया है. पास में गुर्रा नदी भी है. डैम के गेट बंद होने से पानी पीछे फैलता जा रहा है.
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