24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं बच्चें

टपकती छत, अधूरी दीवारें , बारिश के मौसम में स्थिति हो जाती है भयावह

टपकती छत, अधूरी दीवारें , बारिश के मौसम में स्थिति हो जाती है भयावह

रंका. शिक्षा को लेकर सरकार लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत अब भी भयावह है. रंका प्रखंड के कंचनपुर प्राथमिक विद्यालय के बच्चे आज भी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. पानी टपकती छत, टूटे फर्श, उजड़ी खिड़कियों और अधूरी चहारदीवारी के बीच यह विद्यालय खुद अपनी बदहाली की कहानी बयां कर रहा है. करीब 150 बच्चों के नामांकित इस विद्यालय में मात्र तीन कमरे उपयोग में हैं, जबकि दो कमरे पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं और दो अन्य पिछले 10 वर्षों से अधूरे पड़े हैं. बरसात के मौसम में हाल और भी भयावह हो जाता है, जब छत और दीवारों से पानी रिसता है, रसोईघर भी जलभराव से अछूता नहीं रहता. बच्चों को या तो रिसते पानी के नीचे बैठना पड़ता है या टपकती छत से बचते हुए पढ़ाई करनी होती है.

अधूरी चहारदीवारी के कारण मवेशियों का आतंक

विद्यालय की चहारदीवारी अधूरी है और गेट तक नहीं लगा है, जिससे मवेशी बेरोकटोक परिसर में घुस आते हैं और लगाए गए पौधों को नष्ट कर देते हैं. सुरक्षा का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है, जिससे बच्चों और शिक्षकों में हमेशा भय बना रहता है.

पानी की भी नहीं है व्यवस्थाविद्यालय में चापानल भी नहीं है. रसोईया शिला देवी और उर्मिला देवी रोजाना आधा किलोमीटर दूर से पानी लाकर मध्याह्न भोजन बनाती हैं. यह परेशानी सालों से जारी है, लेकिन अब तक किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.

कई बा विभाग को दी गयी जानकारी

प्रधानाध्यापिका बरखा कामख्या ने बताया कि विद्यालय की दुर्दशा की जानकारी कई बार विभाग को दी गयी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है. उन्होंने भवन निर्माण, चहारदीवारी, चापानल और रसोई की समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग की है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel