– सिविल सर्जन के स्थानांतरण के आदेश को अन्यायपूर्ण बताया, पारा मेडिकल कर्मियों ने आदेश को अविलंब रद्द करने की मांग की प्रतिनिधि गढ़वा. गढ़वा जिले के पारा मेडिकल कर्मियों ने असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (सिविल सर्जन) द्वारा दिये गए सामूहिक स्थानांतरण के आदेश के खिलाफ आक्रोश जताया. कर्मियों ने उपायुक्त दिनेश यादव को मांग पत्र सौंपकर स्थानांतरण प्रक्रिया को अविलंब रद्द करने की मांग की है. पारा मेडिकल कर्मियों ने अपने आवेदन में कहा कि वे अल्प मानदेय पर अनुबंध के आधार पर कार्यरत रहते हुये वर्षों से स्वास्थ्य सेवाओं में पूरी निष्ठा के साथ कार्य कर रहे हैं, लेकिन हाल में सिविल सर्जन ने बिना किसी स्पष्ट कारण के सामूहिक स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी. इससे वे मानसिक और आर्थिक रूप से शोषित महसूस कर रहे हैं. आवेदन में कहा गया कि राज्य के 24 जिलों में केवल गढ़वा में ही इस तरह की प्रक्रिया अपनायी गयी है, जो राज्य मुख्यालय व एनएचएम झारखंड के अभियान निदेशक से स्वीकृत नहीं है. कर्मियों का कहना है कि इस निर्णय से कार्यरत स्टॉफ में असंतोष और असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है, जिससे स्वास्थ्य सेवा भी प्रभावित हो सकती है. आवेदन की प्रतिलिपि एनएचएम झारखंड के अभियान निदेशक और झारखंड स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी भेजी गयी है. इस आवेदन पर जिन पारा मेडिकल कर्मियों के हस्ताक्षर हैं, उनमें शमा बानो, किरण कुमारी, रश्मि रंजन, संगीता कुमारी, परेमलता कुमारी, अर्चना, विद्या कुमारी, शबाना खातून, मीना कुमारी, सोनी कुमारी, सितन तिर्की, ज्ञांति कुमारी, कुमारी नीलम बड़ा, अनुपमा कुमारी आदि शामिल हैं.
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