गढ़वा.
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार इस सप्ताह अच्छी वर्षा के संकेत हैं. इस दौरान आसमान में बादल छाये रहने के साथ बारिश की संभावना है. वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि इस सप्ताह तापमान में कमी के साथ हवा की गति सामान्य रहेगी. दिन का तापमान 29 से 32 डिग्री सेल्सियस तथा रात का तापमान 25 से 28 डिग्री के बीच रहने की संभावना है. उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि मौसम को देखते हुए सब्जियों में जल निकासी की सुविधा बनाये रखें एवं मौसम साफ रहने पर ही उर्वरक व कीटनाशक-फफूंदनाशक का छिड़काव करें. खरीफ फसलों की बुवाई जल्द से जल्द संपन्न करने की कोशिश करें. बुवाई पूर्व खेतों की पहले गहरी जुताई करें. जुताई हमेशा ढ़ाल के विपरीत दिशा में करें और मेड़ों को दुरुस्त कर लें. मूंगफली के उन्नत प्रभेदों का करें चयन : मूंगफली की फसल के लिए हल्की मिट्टी जिसमें जल निकासी हो सके, का चुनाव करें. उन्नत प्रभेदों जैसे बिरसा मूंगफली-3, 4, बिरसा बोल्ड (बड़े दाने वाली), जीपीबीडी-5, जीटी-51, जीजेजी-18, मल्लिका, विजेता, केडीजी-123 जैसे प्रभेदों का चुनाव करें. बीज दर 1.25 किलो प्रति कट्ठा रखें. बड़े दाने वाले प्रभेदों के लिए 1.75 किलोग्राम प्रति कठ्ठा रखना ठीक रहेगा. बुवाई लाइन से लाइन 45 सेंटीमीटर की दूरी में करें. उन्होंने कहा कि बुवाई से पूर्व कार्बेन्डाजिम या डाइथेन एम-45 जैसे कवकनाशी से बीज उपचार जरूर कर लें. तिल की बुवाई भी शुरू करें : डॉ कुमार ने कहा कि किसान अब तिल की बुवाई भी शुरू करें. सफेद तिल के लिए कांके सफेद, शेखर, जवाहर तिल- पीकेडीएस- 11 जैसे प्रभेदों का चयन करें. काले तिल के लिए कृष्णा की बुवाई करें. दलहनी-तेलहनी फसलों की बुवाई के समय लगभग 150 से 200 ग्राम यूरिया, 1.5 से 2 किलो डीएपी, 600 से 700 ग्राम एमओपी यानी पोटाश खाद प्रति कट्ठा डालें. साथ में 4-5 किलो चूना या डोलोमाइट, 400 ग्राम सल्फर पाउडर एवं 150 ग्राम बोरेक्स पाउडर प्रति कट्ठा डालने से अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा. वहीं अदरक, हल्दी, पेचकी, ओल में बुवाई के 30-35 दिनों बाद 400 से 500 ग्राम एमओपी यानी पोटाश खाद एवं एक किलो यूरिया डालकर मिट्टी चढ़ावें. पुनः बुवाई से 70 -75 दिनों बाद इतनी ही मात्रा डालें.सब्जियों के फल सूखने की समस्या का निदान : कद्दू वर्गीय सब्जियों में फल सूखने की समस्या से बचाव हेतु कैल्शियम क्लोराइड 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर 10 दिन के अंतराल पर दो छिड़काव करें. फल झड़ने की समस्या आवे, तो बोरन-3 एमएल प्रति लीटर पानी में घोलकर 10 दिन के अंतराल पर दो छिड़काव करें. बैगन, मिर्च व भिंडी में सूखने की बीमारी दिखे, तो टेबुकोनाजोल एक मिलीलीटर या कार्बेन्डाजिम दो ग्राम या कॉपर फंगीसाइड 2 से 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर तना एवं जड़ों के ऊपर मिट्टी पर बढ़िया से छिड़काव करें.
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