जितेंद्र सिंह, गढ़वा गढ़वा जिले में दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. जहां एक ओर किसानों को खरीफ की फसलों के नष्ट होने का डर सताने लगा है, वहीं शहरवासियों को जलजमाव, बाढ़ और बिजली आपूर्ति ठप होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. यह बारिश लोगों के लिए राहत की बजाय मुसीबत बन गयी है. नगर परिषद क्षेत्र के अधिकांश वार्डों में जल निकासी की व्यवस्था वर्षों से लचर बनी हुई है, जिसका नतीजा हर साल बरसात में सामने आता है. इस बार भी वही स्थिति है. नगर परिषद क्षेत्र के दर्जनों वार्डों में सड़कें तालाब में तब्दील हो गयी हैं. जहां पक्की सड़कें नहीं हैं, वहां कीचड़ का साम्राज्य फैल गया है. लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग घरों में कैद होकर रह गये हैं. नगवां में सड़क पर गिरा पेड़ और बिजली का पोल शहर के नगवां वार्ड नंबर आठ में बारिश के दौरान एक बड़ा पेड़ और बिजली का पोल सड़क पर गिर गया है. जिसके कारण उक्त मार्ग से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गयी है. वहीं पोल गिरने से उस क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई है.जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. बाढ़ में फंसी गाय का किया गया रेस्क्यू गढ़वा अंतरराज्यीय बस पड़ाव के समीप रामबंध तालाब के पास बाढ़ के पानी में एक गाय घिर गयी. इसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने नगर परिषद कार्यालय को दी. जानकारी मिलने पर नगर परिषद की टीम जेसीबी के माध्यम से गाय को रेस्क्यू कर बाहर निकाला. नगवां में सरस्वती नदी का पानी घुसा घर में मूसलाधार बारिश के बाद शहर के बीच से गुजरी सरस्वती नदी पूरे उफान पर है. शहर के नगवां में शमीम टेलर्स के समीप बने पुल के ऊपर से पानी बह रहा है. वहीं बाढ़ का पानी कई घरों में भी घुस गया है. नदी किनारे के लोग अपना सामान समेट कर ऊंचे स्थान पर शिफ्ट हो रहे हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि अब बारिश बंद नहीं हुआ, तो उनकी मुश्किलें और बढ़ जायेगी. इसके कारण बच्चे व बुजुर्ग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पानी में डूबा चिनिया रोड का शिव मंदिर शहर के चिनिया रोड स्थित शिव मंदिर के आसपास तालाब जैसे हालात बन गये हैं. बारिश का पानी मंदिर के अंदर भी भर गया है और बारिश नहीं रुकी तो मंदिर के अंदर स्थापित शिवलिंग पूरी तरह से डूब जायेगा.उक्त मोहल्ले के लोगों को चार फीट पानी से होकर सड़क पर आना पड़ रहा है. बच्चे स्कूल नहीं जा सके और महिलाएं मंदिर नहीं जा सकी. प्रशासन अलर्ट पर, मगर स्थायी समाधान की जरूरत स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल की तरह इस साल भी जलजमाव और बाढ़ ने शहर की पोल खोल दी है. अगर समय रहते बारिश नहीं थमी और प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो स्थिति और बिगड़ सकती है. इधर जिला प्रशासन की ओर से फिलहाल निगरानी और आपात सहायता के लिए टीमें सक्रियहो गयी है, लेकिन जब तक ड्रेनेज सिस्टम और नदी तटबंधों की मजबूत व्यवस्था नहीं होती, तब तक हर साल की यह बारिश गढ़वा के लिए आपदा बनती रहेगी.
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