डंडई. डंडई प्रखंड क्षेत्र के तसरार गांव में उच्चस्तरीय नवनिर्मित पुल के पास करोड़ों रुपये की लागत से बनी कालीकरण सड़क निर्माण के एक वर्ष अंदर ही जर्जर हो गयी. जर्जर सड़क ने निर्माण कार्य करा रहे इंजीनियर और ठेकेदार की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी है. इंजीनियर और ठेकेदार की लापरवाही की वजह से करोड़ों की लागत से बनी सड़क पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गयी हैं. ठेकेदार द्वारा क्षतिग्रस्त व खुदाई की हुई सड़क के पास किसी प्रकार का कोई साइन बोर्ड भी नहीं लगाया गया है, जिस कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. तसरार गांव के ग्रामीण शेरअली अंसारी, महफूज अंसारी, जफर इकबाल, कामिल अंसारी, नसरुल्लाह अंसारी सहित अन्य लोगों ने कहा कि एनएच 75 लगमा से हासनदाग भाया करकोमा होते हुए तसरार तक करीब 16 किलोमीटर सड़क का निर्माण लगभग 60 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है. संवेदक के द्वारा सड़क का निर्माण मनमाने तरीके से कराया गया है और विभाग के उच्च अधिकारी भी मौन साधे हुए हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि ठेकेदार और पदाधिकारी की कमी से सड़क बने एक वर्ष भी नहीं हुआ कि सड़क पर दरार पड़ना शुरू हो गया. ग्रामीणों ने चिंता व्यक्त करते हुए जिले के वरीय पदाधिकारी से सड़क की गुणवत्ता की जांच कराने की मांग की है.
इस संबंध में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रदीप कुमार ने कहा कि पुलिया के दोनों तरफ डैमेज रोड को जल्द दुरुस्त कराया जाएगा और गुणवत्तापूर्ण बनाया जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है