सेवानिवृत्ति पर पांच लाख रुपये देने की भी मांग
गढ़वा. पोषण ट्रैकर एप सहित अन्य समस्याओं को लेकर जिलेभर की आंगनबाड़ी सेविका एक अगस्त को समाहरणालय के बाहर धरना देंगी. इसके बाद राज्यभर के सभी जिलों में लगातार 18 अगस्त तक धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. वहीं 20 अगस्त से मुख्यमंत्री आवास के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. इस दौरान सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे. इसकी जानकारी बुधवार को झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बालमुकुंद सिन्हा ने दी. उन्होंने बताया कि पोषण ट्रैकर एप और डिजिटल रिपोर्टिंग लागू किये जाने से आंगनबाड़ी सेविकाओं के साथ-साथ लाभुकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऑनलाइन उपलब्ध डाटा एवं वास्तविक जमीनी स्थिति में भी विसंगतियां हैं. उन्होंने कहा कि फेस रिक्गनिशन सिस्टम भी आंगनबाड़ी कर्मी एवं लाभकों के लिए सिर दर्द बन गया है. उन्होंने कहा कि जब तक एफआरएस प्रमाणीकरण में सुधार नहीं किया जायेगा, तब तक गर्भवती, धात्री एवं तीन माह से लेकर छह साल तक के बच्चों को पोषाहार देने में असुविधा होगी. उन्होंने कहा कि फेस रिक्गनिशन सिस्टम के तहत लाभुकों को आंगनबाड़ी केंद्र में आना अनिवार्य है और फेस मैच कराने के बाद मोबाइल में ओटीपी से ही पोषाहार देना है. इस वजह से 75 प्रतिशत लाभुक पोषाहार का लाभ लेने से वंचित रह जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात की तरह झारखंड के आंगनबाड़ी सेविका को सेवानिवृत्ति के बाद पांच लाख रुपये नकद सहित मानदेय का आधा पेंशन के रूप में दिया जाये. इस मौके पर संघ की जिलाध्यक्ष कौशल्या देवी, सुषमा देवी, नीलम देवी, इस्लाम अंसारी आदि उपस्थित थे.
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