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शहर में मिठाइयों का ””””मिठास भरा”””” कारोबार, त्योहार के सीजन में करोड़ों की बिक्री

अब रांची-बनारस के जैसी प्रीमियम मिठाइयां भी गढ़वा में उपलब्ध

– अब रांची-बनारस के जैसी प्रीमियम मिठाइयां भी गढ़वा में उपलब्ध जितेंद्र सिंह, गढ़वा. गढ़वा शहर में मिठाई केवल स्वाद या परंपरा का हिस्सा नहीं रही, बल्कि अब यह एक बड़ा व्यापारिक क्षेत्र बन चुका है. बीते एक दशक में शहर में मिठाइयों के व्यापार में जबरदस्त ग्रोथ देखने को मिला. खासकर त्योहार के सीजन में यहां मिठाई का कारोबार एक करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है, जो न केवल गढ़वा के व्यापारिक विकास का संकेत है, बल्कि स्थानीय लोगों की बदलती जीवनशैली और स्वाद के प्रति जागरूकता को भी दर्शाता है. 90 के दशक में बाहर से आती थी मिठाइयां एक समय था, जब गढ़वा में मिठाई की कुछ ही दुकानें हुआ करती थीं. 90 के दशक में शादी या त्योहारों पर मेदिनीनगर, रांची, बनारस या रेणुकूट जैसे शहरों से मिठाई मंगवाया करते थे. पिछले एक दशक में यह परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है. बढ़ती जनसंख्या, मिठाई के प्रति लगाव और व्यापारिक संभावनाओं से गढ़वा ने आज मिठाइयों के क्षेत्र में ऊंची छलांग लगायी है. शहर में आज लगभग 50 से अधिक मिठाई की दुकानें हैं, जिनमें कई नामचीन ब्रांड भी शामिल हैं. इन दुकानों में न सिर्फ पारंपरिक मिठाइयां बल्कि प्रीमियम क्वालिटी और आधुनिक स्वाद वाली मिठाइयों की भी भरमार है. त्योहारों पर चढ़ता है कारोबार का ग्राफ गढ़वा में खासकर रक्षा बंधन, दशहरा, दीपावली, होली और ईद जैसे त्योहारों पर मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है. व्यापारियों के मुताबिक, त्योहार के सीजन में शहर में मिठाइयों का कारोबार एक करोड़ रुपए तक पहुंच जाता है. गढ़वा का पारंपरिक तिलकुट झारखंड ही नहीं, देश के कई शहरों के साथ-साथ विदेशों तक भी भेजा जाता है. दुकानों में विभिन्न प्रकार की मिठाइयां उपलब्धशहर की दुकानों में अब लगभग हर प्रकार की लोकप्रिय मिठाइयां उपलब्ध हैं. इनमें छेना रसगुल्ला, गुलाब जामुन, खीर मोहन, रसमलायी, काजू कतली, मलायी रोल, रबड़ी, पेड़ा, गाजर का हलवा, बर्फी, रसमाधुरी, पनीर खीर, खीर कदम, काजू गुझिया जैसी मिठाइयां प्रमुख हैं. साथ ही ग्राहकों की पसंद के अनुसार नए-नए स्वादों की मिठाइयां भी तैयार की जा रही हैं. युवाओं के लिए खुला रोजगार का रास्ता मिठाई उद्योग में बढ़ती संभावनाओं ने स्थानीय युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर खोल दिए हैं. कारीगरों के साथ-साथ पैकिंग, डिलीवरी, मार्केटिंग और काउंटर सेल्स जैसे क्षेत्रों में भी युवाओं अवसर मिल रहा है, जिससे शहर की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिल रही है. क्या कहते हैं व्यवसायी नयी मिठाइयों की मांग बढ़ी : विनय प्रकाश गढ़वा के मिठाई व्यवसायी विनय प्रकाश ने बताया कि उनका परिवार पिछले तीन दशकों से मिठाई के व्यवसाय जुड़ा है. उन्होंने बताया कि पहले लोग जहां पारंपरिक मिठाई जैसे लड्डू, पेड़ा या बर्फी तक ही सीमित थे, लेकिन अब बदलते वक्त में लोगों की पसंद में बड़ा बदलाव आया है. मौजूदा दौर में ग्राहक वैरायटी मांगते हैं. अब मलाई रोल, काजू कतली और रसमलाई जैसी मिठाइयों मांग बढ़ी है. पहले ग्राहक मिठाई खरीदते समय कीमत को लेकर काफी संकोच करते थे, लेकिन अब वे गुणवत्ता और स्वाद को प्राथमिकता देने लगे हैं. क्वालिटी को लेकर ग्राहक पहले से अधिक सजग : प्रवीण जायसवाल शहर के युवा उद्यमी प्रवीण जायसवाल ने बताया कि गढ़वा में पिछले एक दशक में मिठाई उद्योग में जबरदस्त ग्रोथ देखने को मिला है. अब शहर के ग्राहक सिर्फ मिठाई खाने नहीं आते, वह अनुभव लेने आते हैं. मिठाई की क्वालिटी, पैकेजिंग, ताजगी और प्रेजेंटेशन हर चीज पर ध्यान देते हैं. प्रवीण बताते हैं कि मिठाई के व्यापार में सबसे बड़ी चुनौती अब स्वाद और क्वालिटी को बनाये रखना है.

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