हजारीबाग. झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक, झारखंडी अस्मिता और जन आंदोलन के पुरोधा दिशोम गुरु शिबू सोरेन को नम आंखों से विदाई दी गयी़ झामुमो जिलाध्यक्ष संजीव बेदिया के नेतृत्व में झामुमो नेताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित किये. इसमें जिला समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी, महिला मोर्चा, युवा मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, बुद्धिजीवी मंच, किसान मोर्चा एवं बड़ी संख्या में प्रखंड स्तर के कार्यकर्ता शामिल थे़ जिलाध्यक्ष संजीव बेदिया ने कहा कि दिशोम गुरु केवल एक राजनीतिक नेता नहीं, बल्कि झारखंड के सामाजिक चेतना के प्रतीक थे़ उन्होंने हमें संघर्ष की राह दिखायी. अन्याय के विरुद्ध खड़ा होने की ताकत दी़ आत्म सम्मान से जीने की प्रेरणा दी़ उनका संपूर्ण जीवन आदिवासी, मूलवासी और वंचित समाज के अधिकारों के लिए समर्पित रहा़ झामुमो हजारीबाग जिला कमेटी उनके विचारों और संघर्षों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है़ युवा जिलाध्यक्ष गौरव पटेल ने कहा कि झारखंड के इतिहास में दिशोम गुरु का योगदान अतुलनीय रहा है़ स्व विनोद बिहारी महतो, स्व टेकलाल महतो, शिवा महतो ने एक साथ मिलकर झारखंड को अलग कराया़ जल, जंगल, जमीन और जनजातीय अधिकारों की लड़ाई को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी. उनका संघर्ष ही झारखंड अलग राज्य की नींव बनी. युवा जिला सचिव सुनील शर्मा ने कहा कि हम उनके अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जिला प्रवक्ता कुणाल यादव ने कहा कि दिशोम गुरु झारखंड की माटी की खुशबू थे़ उन्होंने सिखाया कि आंदोलन केवल नारों से नहीं, जनसंघर्ष से चलता है. श्रद्धांजलि देनेवालों में जिला सचिव नीलकंठ महतो, राजेश कुमार मेहता, रामकुमार मेहता, छत्रधारी कुशवाहा, बालकुमार महतो, नवीन प्रकाश, निसार अहमद, संजय सिंह, कपिलदेव महतो, लखनलाल महतो, टेकोचंद महतो सहित अन्य शामिल थे. इधर, जन सेवा परिषद हजारीबाग कार्यालय में झारखंड आंदोलन के प्रणेता शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी गयी. मौके पर संस्था के सचिव रामलाल प्रसाद, प्रदीप कुमार, विवेक कुमार, विकास कुमार, प्रमिला देवी, स्वीटी कुमारी, जूली कुमारी, हरदेव पंडित एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
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