हजारीबाग. पिछले तीन-चार से हजारीबाग के अधिकतम तापमान में बेतहाशा वृद्धि हुई है. गुरुवार अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. वहीं एक सप्ताह पहले अधिकतम 30 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच था. इधर, भीषण गर्मी के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ गयी है. लोग बाहर निकलने से बच रहे हैं. दोपहर में सड़कें वीरान हो जातीं हैं. जिन्हें जरूरी काम होता है वे गर्मी से बचने के लिए चेहरे पर गमछा लपेट कर बाहर निकल रहे हैं.
पिछले साल की तुलना में ज्यादा पड़ रही है गर्मी
मासीपीढ़ी उपरांव भूमि कृषि अनुसंधान केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस वर्ष दो डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान हजारीबाग में रिकॉर्ड किया गया है. 24 अप्रैल 2023 को अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री सेल्सियस और 24 अप्रैल 2024 को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. वहीं 24 अप्रैल 2025 को अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.हीट वेब में बच्चों को घर से बाहर निकलने से रोकें
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ क्षितिज आनंद ने कहा कि बदलते मौसम और हीट वेब से बचने के लिए बच्चों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. बच्चों को स्कूल जाने के दौरान हाइड्रेशन मेंटेन रखना जरूरी है. अभिभावक बच्चों को हीट वेब और हाइड्रेशन को लेकर काउंसलिंग करें. स्कूल जाते समय बच्चों को पानी जरूर दें. बच्चों को ओआरएस और आमझोरा भी पिलायें. उन्होंने कहा कि इस सीजन में बच्चों में बुखार, उल्टी और दस्त आना लू लगने का लक्षण है. ऐसी स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सक से मिलें. बच्चों में बुखार 100 डिग्री फॉरेनहाइट हो तभी पैरासिटामोल दें. बच्चों को गीला भात में नमक के साथ नींबू का रस मिलाकर खिलाने से सुपर ओआरएस का काम करता है.गर्मी को देखते हुए स्कूलों के समय में हुआ बदलाव
शिक्षा विभाग ने गर्मी को देखते हुए स्कूलों के परिचालन की समय सीमा में परिवर्तन किया है. 26 अप्रैल से आठवीं तक की कक्षाएं सुबह सात बजे से 11.30 बजे तक चलेंगी. वहीं नौवीं से 12वीं तक की कक्षाएं सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक चलेंगी. इस संबंध में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के संयुक्त सचिव नंदकिशोर लाल ने शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है. डीइओ प्रवीण रंजन ने बताया गर्मी को देखते हुए स्कूलों के समय में परिवर्तन किया गया है. यह नियम जिले के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में लागू होगा.खेती पर भी गर्मी का असर
पिछले कुछ दिनों में बढ़े तापमान का असर खेती पर भी पड़ रहा है. खेतों में लगी सब्जी, खीरा, ककड़ी, शिमला मिर्च, गंधारी साग, कोहड़ा, तोरई, नेनूवा सहित अन्य फसलों के पते दोपहर में मुरझा जा रहे हैं. इन फसलों के लिए अधिक पानी की आवश्यकता पड़ रही है. एग्रीकल्चर इंस्पेक्टर कुलदीप ओहदार ने बताया कि किसानों को सब्जी की फसल पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. किसान सुबह और दोपहर की बजाय शाम में पटवन करें. इससे खेतों में नमी ज्यादा देर तक बनी रहेगी और किसानों को नुकसान कम होगा. संभव हो तो किसान कुछ फसल के लिए ग्रीन नेट शेड लगाकर छाया का व्यवस्था कर सकते हैं.कई मुहल्लों में जल संकट
अप्रैल माह में ही शहर के कई मुहल्लों में जल संकट गहराने लगा है. लोग पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. शहर के मंडई, कोलघट्टी, हुरहुरू, रविदास टोला, दीपुगढ़ा, सिंचाई कॉलोनी, कोर्रा भुइयां टोली सहित कई मुहल्लों में पानी का संकट है. कोर्रा घांसी टोला में जल संकट गहरा गया है. इस मुहल्ले के लोग सुबह में टेंपो और साइकिल से करीब 500 मीटर दूर झिंझरिया पुल स्थित सार्वजनिक नल से पानी लाते है. सुबह और शाम में नगर निगम का सप्लाई पानी लेने के लिए भीड़ लग रही है. सहायक नगर आयुक्त अनिल पांडेय ने बताया कि जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या है, वहां पर टैंकर से पानी आपूर्ति की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है