तीन ग्राम हीमोग्लोबिन लेकर आया मोहित पहाड़िया स्वस्थ होकर गया घर
एमजीएम में के डॉक्टरों ने तीन बोतल खून और जरूरी दवाएं अपनी ओर से उपलब्ध कराया
छह साल पहले माता-पिता की हो चुकी है मौत, सौतेला भाई कर रहा मोहित का पालन-पोषण
Jamshedpur News :
चांडिल के कांदरबेड़ा निवासी 10 वर्षीय मोहित पहाड़िया की जिंदगी एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की मेहनत से बच गयी. मोहित अचानक से बेहोश हो गया था. बेहोशी की अवस्था में उसका भाई उसे इलाज के लिए पहले चांडिल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गया, जहां से गंभीर स्थिति में उसे 21 जुलाई को एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. जांच में पता चला कि वह मलेरिया से पीड़ित है और उसके शरीर में खून की भारी कमी है. उसका हीमोग्लोबिन सिर्फ तीन ग्राम था, जिसके कारण वह बेहोश हो गया था. उसका हाथ-पैर झटका ले रहा था.वह एक सप्ताह तक बेहोशी की अवस्था था. लगातार एक हफ्ते तक इलाज चला. डॉक्टरों ने तीन बोतल खून और जरूरी दवाएं अपने स्तर से उपलब्ध करायी. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. केके चौधरी की यूनिट में भर्ती मोहित की देखरेख डॉ. वरुण गर्ग, डॉ. शशि, डॉ तारा, डॉ. साहिल और डॉ आबिंदार ने की. उनकी मेहनत से 29 जुलाई से मोहित की तबीयत में सुधार होना शुरू हुआ और 30 जुलाई से उसने खाना-पीना भी शुरू कर दिया. सोमवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. बता दें कि मोहित के माता-पिता का छह साल पहले निधन हो चुका है. इस समय उसका पालन-पोषण उसका सौतेला भाई संतोष पहाड़िया कर रहा है, जो मजदूरी करता है.
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