Jamshedpur news.
पूर्वी सिंहभूम के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) समुदाय के सामाजिक-आर्थिक स्थिति, सरकारी योजनाओं की पहुंच और आवश्यकताओं के मूल्यांकन के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रोजेक्ट उत्थान के तहत एक सर्वेक्षण प्रारंभ किया जा रहा है. इसमें जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की 18 छात्राओं के दल का गठन किया है. इस विशेष सर्वेक्षण में महिला विश्वविद्यालय, जमशेदपुर की अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, भूगोल एवं इतिहास संकाय की 104 छात्राएं (रिजर्व सहित) सहभागी बनेंगी, जो प्रखंड वार क्षेत्र में जाकर विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह परिवारों से संपर्क कर जमीनी वास्तविकताओं का आंकलन करेंगी. प्रोजेक्ट की शुरुआत करते हुए मंगलवार को महिला विश्वविद्यालय सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया. उपायुक्त ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी स्टूडेंट्स के साथ-साथ जागरूक नागरिक भी हैं. यह सर्वेक्षण आपके लिए एक महत्वपूर्ण लर्निंग एक्सपीरियंस होगा. इसमें आपकी आदर्श सोच और प्रशासन की संवेदनशीलता मिलकर एक सार्थक प्रयास बनेगा. जिला प्रशासन चाहता है कि इन चीजों को रिपोर्टिंग ईमानदारी से तैयार की जाये. कार्यशाला को डीडीसी नागेंद्र पासवान, जिला योजना पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार सहित सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित रहे.उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने बताया कि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह-समुदाय समाज के सबसे वंचित वर्गों में से एक है. सरकार ने इन्हें प्रिमिटिव नहीं, बल्कि वल्नरेबल मानते हुए विशेष योजनाएं शुरू की हैं. योजनाओं की जमीनी हकीकत को समझने के लिए छात्राओं से अपील करते हुए ट्रूथफुल ऑब्जर्वेशन करें और लोगों से संवाद कर उनके अनुभवों को गहराई से जानें. डीडीसी नागेंद्र पासवान ने कहा कि सर्वेक्षण का उद्देश्य सरकार की योजनाएं विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह गांवों तक पहुंच रही या नहीं इसकी सटीक जानकारी संग्रहित करना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है